जोक्स और शायरी मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ By Editor - November 10, 2018 0 मुसीबत के साये में मैं हँसता-हँसाता हूँ, ग़मों से उलझ कर भी मैं मुस्कराता हूँ, हाथों में मुकद्दर की लकीरें है नहीं लेकिन, मैं तो अपना मुकद्दर खुद बनाता हूँ।