मुस्लिमों को ना दें कोरोना फैलाने का दोष-उमर अब्दुल्ला

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ के प्रसार के लिए मुसलमानों को दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए तथा तबलीगी वायरस जैसे हैश टैग के साथ ट्वीट करने वाले लोग किसी भी वायरस की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला उन लोगों की प्रतिक्रिया का जवाब दे रहे थे जो इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई मुस्लिम धार्मिक संगठन तब्लीग-ए-जमात की बैठक को कोरोना वायरस के प्रसार से जोड़ रहे हैं।

अब्दुल्ला ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा,‘अब तबलीगी जमात हर जगह मुसलमानों को अपमानित करने का बहाना बन जाएगा जैसे कि हमने ही कोविड को पूरी दुनिया में उत्पन्न किया है और फैलाया है।’ उन्होंने कहा, ‘तबलीगी वायरस जैसे हैश टैग के साथ ट्वीट करने वाले लोग किसी भी वायरस की तुलना में अधिक खतरनाक है क्योंकि उनका दिमाग बीमार है जबकि उनके शरीर स्वस्थ हो सकते हैं।’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘पहली नजर में ऐसा लगता है कि तबलीगी जमात के बारे में कोई बात ही नहीं होती, अगर उन लोगोें ने इतना गैर जिम्मेदाराना बर्ताव नहीं किया होता, लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। भारत में अधिकांश मुसलमानों ने अन्य लोगों की ही तरह सरकारी दिशानिर्देशों और सलाह का पालन किया है।’ उन्होंने कहा,‘पहली नजर में ऐसा लगता है कि तबलीगी जमात यदि ऐसा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार नहीं करती तो उसे इतनी तबज्जो नहीं दी जाती। देश के अधिकतर मुसलमान सरकार के दिशा-निर्देश और सलाह का दूसरे लोगों की तरह ही पालन कर रहे हैं।’

अब्दुल्ला ने कहा कि तबलीगी जमात की ओर से जारी यह बयान बहुत महत्वपूर्ण है जिसमें उसने स्पष्ट किया है कि सरकारी दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए उसने कौन से कदम उठाए हैं। उन्होंने लिखा,‘मैंने इसे एक ऐसे प्रारूप में प्राप्त करने की कोशिश की जिसे मैं सीधे यहां साझा कर सकूं लेकिन यह संभव नहीं हो सका इसलिए उनके ट्वीट को साझा कर रहा हूं। पूर्व मुख्यमंत्री ने संगठन द्वारा जारी बयान की प्रति भी ट्वीट की।

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