27 जनवरी, शुक्रवार को मौनी अमावस्या है। शास्त्रों के अनुसार यह अमावस्या मोक्ष प्राप्ति, पितृ शांति, काल सर्प योग शांति, अचल लक्ष्मी प्राप्ति और चन्द्रमा के विकार दूर करने हेतू उत्तम दिन है। धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा और अमावस्या का अत्यधिक महत्व बताया गया है। साल में पड़ने वाली अमावस्या का नामकरण उनके वारों एवं भारतीय महीनों पर निर्भर करता है। माना जाता है कि इस दिन किए गए उपाय जल्दी ही फलीभूत होकर शुभ फल प्रदान करते हैं। पद्मपुराण के अनुसार कभी भी किए गए जप, तप और दान से भगवान श्री हरि विष्णु उतने प्रसन्न नहीं होते जितने कि माघ मास में स्नान करने से होते हैं।
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार जो जातक भगवान को पाने की इच्छा रखता है उसे माघ मास में प्रतिदिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए, विशेषकर मौनी अमावस्या को गंगा स्नान का अत्यधिक महत्व माना गया है। मौन रहकर आचरण तथा स्नान-दान से मानसिक समस्या, डर या वहम से मुक्ति मिलती है।
दूध में अपनी छाया देखकर काले कुत्ते को पिलाएं। सभी तरह की मानसिक परेशानियां दूर होंगी।
गाय को आटे में तिल मिलाकर रोटी दें, घर-गृहस्थी में सुख-शांति आएगी।
सूखे या मृत कुएं में दूध बहाएं, सेहत ठीक रहेगी। रोग कोसों दूर रहेंगे।
लक्ष्मी जी, शिव परिवार को चावल की खीर अर्पित करें धन-संपत्ती से भंडार भरेंगे।
स्वर्ण का दान विशेष फलदाई है।
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