म्यांमार में पीएम नरेंद्र मोदी ने यांगून में रह रहे भारतीयों को संबोधित किया| यांगून में दिए गए अपने भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों की सीमा ही नहीं, भावनाएं भी एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं| बर्मी भाषा में भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि वह बचपन से ही कोई धार्मिक और आध्यात्मिक शहर जाना चाहते थे, यांगून आकर उनका यह सपना पूरा हुआ|
नोटबंदी के लिए सरकार की आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम देश के हित में बड़े और कड़े फैसले लेने से जरा भी घबराते नहीं हैं। हमारे लिए दल से बड़ा देश है। म्यांमार दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने बुधवार को यहां पर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या जीएसटी या नोटबंदी। हमने हर फैसला बिना डर और संकोच के लिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से भी देश में ईमानदारी के साथ कारोबार करने का माहौल तैयार हो रहा है। मोदी ने कहा कि हम भारत को गरीबी, जातिवाद, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार मुक्त स्वच्छ देश बनाकर ही रहेंगे।
मोदी ने कहा कि यंगून वह पवित्र धरती है जिसने बुद्ध को सहेजा। भारत और म्यांमार की सीमाएं ही नहीं भावनाएं भी जुड़ी हैं। यहीं बोस ने कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। यहीं बालगंगाधर तिलक ने गीता रहस्य की रचना की। यहां मैं एक ही जगह भारत की संस्कृति और परंपरा देख रहा हूं।
इससे पहले मोदी ने म्यांमार के नागरिकों को मुफ्त वीजा प्रदान करने की घोषणा की। मोदी ने यह घोषणा ने पी ता में म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की के साथ व्यापक वार्ता के बाद संयुक्त बयान में की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत ने म्यांमार के 40 नागरिकों को रिहा करने का निर्णय किया है जो वर्तमान समय में भारत की विभिन्न जेलों में बंद हैं। भारत और म्यांमार के बीच कुल 11 समझौते हुए।