राजपथ पर ऐतिहासिक परेड खत्म, दुनिया ने देखा हिंदुस्तान का शौर्य

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नई दिल्ली। देश आज 67वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजली दी। इसके बाद पीएम ने राजपथ पर मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद का स्वागत किया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राजपथ पर तिरंगा फहराया। आज ही के दिन 1950 में देश ने मौजूदा संविधान को अपनाया था और तब से लेकर आज तक हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मना रहे हैं। आज राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंग और रक्षा क्षेत्र की ताकत का दुनिया के सामने प्रदर्शन किया गया।
परेड में फ्रांस की टुकड़ी ने मार्च पास्ट किया। यह पहला मौका है जब किसी दूसरे देश की टुकड़ी ने राजपथ पर मार्चपास्ट किया। परेड में 26 साल के बाद सेना के श्वान (कुत्ता) दस्ते ने भी अपने हैंडलर्स के साथ भाग लिया। आज राजपथ पर भारत की संस्कृति के रंग और रक्षा क्षेत्र की ताकत का दुनिया के सामने प्रदर्शन किया गया। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद हैं। इसके अलावा इस बार परेड में फ्रांस की एक टुकड़ी भी मार्च पास्ट की। यह पहला मौका है जब किसी दूसरे देश की टुकड़ी राजपथ पर मार्चपास्ट की।

राजपथ पर क्या क्या हुआ खास
-फ्रांस की सेना के 70 सैनिकों ने पहली बार राजपथ पर अपने बैंड की धुन के साथ मार्च किया। यह पलटन 1781-1784 तक भारत में रही। इसका ध्येय वाक्य है-सब हट्टे-कट्टे, कोई मरियल नहीं।
-200 साल पहले बनी राजपूत रेजिमेंट ने भी मार्च किया। सबसे पहले इसी का राष्ट्रीयकरण हुआ था।
-सिख लाइट रेजिमेंट के कंबाइंड बैंड ने संविधान धुन के साथ मार्च किया।
-आजादी के बाद स्थापित की गई गोरखा रेजिमेंट ने जोशो खरोश से मार्च किया। इसका युद्धघोष है-यत्रोहम् विजयस्तत्र
-पहली बार राजपथ पर आर्मी वेटेरंस की झांकी निकली। पूर्व सैनिकों को स्कूलों में भी नियुक्त करने की योजना
-परेड में 26 साल के बाद सेना के श्वान (कुत्ता) दस्ते के सदस्य भी अपने हैंडलर्स के साथ शामिल हुए।
राष्ट्रीय राजधानी के आसपास सुरक्षा का कड़ा घेरा
गणतंत्र दिवस के चलते राष्ट्रीय राजधानी के इर्द-गिर्द सुरक्षा के कई कवच तैयार किए गए हैं। शहर में महत्वपूर्ण ठिकानों को आतंकी समूहों द्वारा निशाना बनाने की खुफिया सूचना के मद्देनजर अहम बिंदुओं पर एंटी एयरक्राफ्ट गन और एलएमजी को तैनात किया गया है। गनरों को बिना अनुमति के कोई भी हवाई वस्तु की उड़ान देखने पर उसे नीचे गिरा देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। सुबह में दस बजकर 35 मिनट से सवा बारह बजे तक नोटम (वायुसैनिकों को नोटिस) घोषित किया गया था। इस दौरान इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ना तो कोई विमान उतरा ना ही उड़ान भरा।
दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैन्य बल भी सुरक्षा में तैनात
ऐतिहासिक राजपथ पर विशेष इंतजाम किए गए हैं, जहां रक्षा सेवाओं के कमांडर इन चीफ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी देश की सैन्य शक्ति का जायजा लेंगे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एहतियाती तौर पर परेड होने वाले मार्ग पर 10 बिंदुओं पर एलएमजी तैनात किया गया था। हल्के मशीन गन के साथ विशेष रूप से प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों को नई दिल्ली के 10 अहम ठिकानों पर तैनात किया गया है। दिल्ली पुलिस के पूरे अमले के साथ ही अर्धसैन्य बलों के कर्मी भी सुरक्षा सेवा में तैनात रहे।

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