सामाजिक सुरक्षा योजनाओं ने शोषित, पीड़ित, आदिवासी, एवं कमजोर वर्ग के लोगोंको संकट से जूझने की दी हिम्मत:PM मोदी

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पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संप्रग सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि साल 2014 में जब वह सरकार में आए तब देश का सामान्य जन सामाजिक सुरक्षा से वंचित था और पिछले चार वर्षों में उनकी सरकार ने अनेक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया जिससे दलित, शोषित, पीड़ित, आदिवासी, महिलाओं एवं कमजोर वर्ग के लोगों को संकट से जूझने और जीतने की हिम्मत मिली है। सरकार की सुरक्षा योजनाओं के लाभार्थियों के साथ संवाद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में एक बात निश्चित है और वह जीवन की अनिश्चितता है। कोई नहीं जानता कि कल क्या होने वाला है। संकट अमीर और गरीब का भेद नहीं करता है और कभी भी आ सकता है। ऐसे में सभी को भविष्य की चिंता करनी चाहिए और बीमा के प्रति जागरूक होना चाहिए।

मोदी के संवाद के प्रमुख अंश

  1. हमारी सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील, गरीबों के कल्याण को समर्पित और कमजोर वर्गो को सशक्त बनाने को प्रतिबद्ध है।’’ इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा योजना, वयवंदन योजना जैसी सुरक्षा योजनाएं शुरू की गई थीं।
  2. कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम सरकार में आए तब लोगों के लिए आर्थिक सुरक्षा सहायता को दूर की बात थी, गरीबों का अपना बैंक खाता भी नहीं था। देश का सामान्य जन सामाजिक सुरक्षा से वंचित था।
  3. सरकार में आने के बाद उन्होंने तीन स्तर पर गरीबों, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा एवं वित्तीय सहायता प्रदान करने की पहल की।
  4. लघु एवं छोटे व्यापारियों को वित्तीय सहायता सुविधा प्रदान करने और वित्तीय रूप से उपेक्षित लोगों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की पहल की गई।
  5. विश्व बैंक ने भी जन धन योजना की सराहना की है।
  6. 2014 में भारत में बैंक खाते रखने की संख्या करीब 50-52% थी वहीं अब तीन वर्षों में 80% से अधिक बढ़ चुकी है और विशेष रूप से महिलाओं के बैंक खातों में बढ़ोतरी हुई है।
  7. जन सुरक्षा के तहत शुरू की गई योजनाएं अलग-अलग परिस्थितियों के लिए है और काफी कम प्रीमियम पर शुरू की गई है ताकि देश में हर क्षेत्र, हर तबके, हर आयु वर्ग से जुड़े लोग इनका लाभ उठा सकें।
  8. जन सुरक्षा योजनाएं आम जन को और खास तौर पर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को सशक्त बना रही है जिससे संकट के समय वो मजबूती से खड़े रह सकें। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ें।
  9. किसी व्यक्ति के चले जाने से उसके परिवार को जो क्षति होती है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। ऐसी घटनाओं को सुनकर बहुत दु:ख होता है। लेकिन ऐसी मुश्किल घड़ी में परिवार को आर्थिक संबल मिले यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना शुरू की गई। इस योजना के तहत 330 रुपए में दो लाख रुपए का बीमा कवर उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना को अब तक लगभग साढ़े पांच करोड़ लोगों ने अपनाया है और मुसीबत में लोगों को करोड़ों रुपए के दावे का भुगतान दिया जा चुका है।
  10. हम दुर्घटनाओं का सामना करने के लिए खुद को तैयार तो कर ही सकते हैं, आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना इसी उद्देश्य से शुरू की गई थी।
  11. इसके तहत 12 रुपए सालाना के प्रीमियम पर 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर मिलता है।
  12. सरकार बुजुर्गों के लिए प्रतिबद्ध सरकार है…सरकार ने उनके स्वास्थ्य से लेकर उनके आर्थिक मोर्चे तक, सभी सुविधाओं को सरल बनाने का काम किया है।
  13. -वृद्धावस्था से संबंधित समस्‍याओं की गंभीरता को महसूस करते हुए इनसे निपटने के लिए पिछले 4 वर्षों में कई नीतियां और योजनाएं बनाई गई हैं।
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