सिंधु समझौता: पाकिस्तान ने विश्व बैंक से कहा, निभाओ अपना वादा

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पाकिस्तान ने शनिवार को विश्व बैंक से अपील की है कि वह सिंधु जल समझौते पर दिए गए अपने आश्वासनों और वादों को पूरा करे। इस बात की जानकारी रेडियो पाकिस्तान ने दी। इस संबंध में पाकिस्तान के वित्तमंत्री इशाक डार ने विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम यॉन्ग किम को पत्र लिखा। डार ने लिखा है कि विश्व बैंक द्वारा दिया गया फैसला 1960 में हुई इस जल संध में पाकिस्तान के हितों की उपेक्षा करता है। डार ने यह भी लिखा है कि विश्व बैंक द्वारा इस संबंध में दिया गया निर्णय संधि की शर्तों में पाकिस्तान के लिए तय किए गए अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।

खबर के मुताबिक, पाकिस्तान ने कहा है कि विश्व बैंक द्वारा इस विवाद में जिस ‘ठहराव’ का प्रस्ताव दिया गया है, उसके कारण पाकिस्तान किसी अन्य संबंधित मंच पर अपनी शिकायतों और विवाद के निपटारे संबंधी अपील नहीं कर पाएगा। डार ने अपने पत्र में लिखा है कि सिंधु जल समझौता किसी भी संबंधित पक्ष को अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने में विराम लेने का अधिकार नहीं देता है। पत्र में यह भी कहा गया है कि भारत के साथ जल बंटवारे का यह विवाद और असहमतियां सुलझाने के लिए कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के अध्यक्ष का चुनाव करने की प्रक्रिया में देर हो रही है। डार ने विश्व बैंक से समझौते की शर्तों की अंतर्गत अपनी जिम्मेदारियों और आश्वासनों को पूरा करने की अपील की है।

इसी हफ्ते विश्व बैंक ने घोषणा की थी कि भारत द्वारा सिंधु नदी पर बनाए जा रहे जिन 2 बांधों पर पाकिस्तान की असहमति है, उससे जुड़े विवाद की सुनवाई में दोनों पक्षों को कुछ समय का विराम लेना चाहिए। विश्व बैंक ने सुझाव दिया था कि भारत और पाकिस्तान, दोनों को ही यह विवाद सुलझाने के वैकल्पिक रास्तों की तलाश करनी चाहिए और आपसी सहमति से विरोधाभास खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए। मालूम हो कि उड़ी हमले के बाद से ही भारत सिंधु जल समझौते और अपने हिस्से के पानी के इस्तेमाल पर खासा ध्यान दे रहा है। भारत चेनाब नदी पर 2 जल विद्युत परियोजना बना रहा है। रातले में 850 मेगावॉट और किशनगंगा में 330 मेगावॉट क्षमता वाली इन दोनों परियोजनाओं पर पाकिस्तान को आपत्ति है। उसका कहना है कि इन दोनों परियोजनाओं के कारण चेनाब और नीलम नदी में पानी के बहाव पर असर पड़ेगा।

भारत और पाकिस्तान ने IIWT के तहत विश्व बैंक में अलग-अलग अपील की है। भारत ने जहां विवाद सुलझाने के लिए एक निष्पक्ष विशेषज्ञ नियुक्त करने की मांग की है, वहीं पाकिस्तान ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के अध्यक्ष को नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। सोमवार को इस मामले पर टिप्पणी करते हुए विश्व बैंक ने दोनों पक्षों से विराम लेने की अपील की। प्रस्तावित विराम के बारे में बताते हुए विश्व बैंक ने कहा, ‘इस विवाद में दोनों पक्षों ने एक ही समय में अपील की है। दोनों मामले साथ ही चल रहे हैं। इसके कारण दोनों मामलों में अलग-अलग नतीजा आने की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो यह जल समझौता खतरे में पड़ जाएगा।’ विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम यॉन्ग किम ने भारत और पाकिस्तान को आपस में बातचीत कर और सिंधु जल समझौते के नियमों के तहत सहमति से विवाद सुलझाने का सुझाव दिया है।

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