भारत और चीन ने बुधवार को जटिल सीमा विवाद हल करने के लिए और एक निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए ‘शांतिपूर्ण बातचीत’ के प्रति कायम रहने पर सहमति जताई.
यह सहमति ऐसे समय में बनी जब जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिशों में चीन की अड़ंगेबाजी से नकारात्मक माहौल है.
19वें दौर की सालाना वार्ता
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सीमा विवाद हल करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए चीन के उनके समकक्ष यांग यांग जिची से 19वें दौर की सालाना वार्ता की, जिसमें यह फैसला हुआ.
दोनों नेताओं ने 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विस्तृत, गहन और स्पष्ट विचार-विमर्श किया, जिसका सीमा निर्धारण नहीं होने की वजह से दोनों पक्षों के बीच तनाव है.
दोनों ही देश शांतिपूर्ण हल की कोशिश में
चीन के विदेश मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने सीमा के सवाल का हल निकालने के लिए शांतिपूर्ण वार्ता करने पर कायम रहने की सहमति जताई. वे एक निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने का प्रयास करेंगे.
डोभाल और जिची सीमा विवाद पर वार्ता करने के लिए अपने-अपने देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं. उन्हें इसके अतिरिक्त सभी जटिल द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के अधिकार प्राप्त हैं.