सोशल मीडिया पर होगी कड़ी नजर, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा तीन महीने का वक्त

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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि सोशल मीडिया को रेगुलेट करने वाले कानूनों को अंतिम रूप देने में अभी तीन महीने का वक्त लगेगा। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सोशल मीडिया जैसे वॉट्सऐप, फेसबुक पर पोस्ट किए कंटेट की जिम्मेदारी के मामले में मिनिस्ट्री आॅफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी ने एफिडेविट फाइल कर दिया है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि इस तरह के मैसेज और पोस्ट में तेजी से वृद्धि हुई है। सरकार ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कंट्रोल किए जाने की जरूरत है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को संकेत दिए हैं कि इस मामले में कड़े नियम बनाए जाएंगे ताकि सोशल मीडिया को और बेहतर तरीके से रेक्युलेट किया जा सके।

मंत्रालय द्वारा कोर्ट में फाइल किए गए एफिडेविट में कहा गया कि सरकार इस बात पर विचार करेगी कि सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए कंटेट के लिए कंपनी को ही जिम्मेदार ठहराया जा सके। इसमें कहा गया कि सरकार की कोशिश होगी कि मामले से जुड़े सभी पक्षों को कवर किया जा सके।

एफिडेविट में कहा गया है कि इस संबंध में नियम 15 जनवरी 2020 तक बना लिए जाएंगे और उन्हें नोटीफाई कर दिया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ने कहा कि टेक्नॉलजी की वजह से आर्थिक विकास में काफी सहायता मिली है लेकिन वहीं दूसरी तरफ हेट स्पीच, फेक न्यूज, पब्लिक ऑर्डर और देश विरोधी गतिविधियों में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है।

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