जोक्स और शायरी ज़िन्दगी में इतने ग़म थे जिनका अंदाज़ा न था By Editor - March 5, 2019 0 कौन सा वो ज़ख्मे-दिल था जो तर-ओ-ताज़ा न था, ज़िन्दगी में इतने ग़म थे जिनका अंदाज़ा न था, अर्श उनकी झील सी आँखों का उसमें क्या क़ुसूर, डूबने वालों को ही गहराई का अंदाज़ा न था।