4000 लोगों को नागरिकता चाहिए, बता रहे हैं करोड़ों को सताया गया: गुलाम नबी

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राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने नागरिकता बिल पर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया है. गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सरकार ने आखिर भूटान, श्रीलंका और नेपाल को क्यों और कैसे छोड़ दिया है? गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भूटान श्रीलंका भी हमारा पड़ोसी देश है, म्यांमार भी हमारा पड़ोसी है और नेपाल भी, क्या इन देशों के साथ धार्मिक समस्या नहीं है? इनको क्यों नहीं जोड़ा गया है? नागरिकता बिल में न तो ये देश जोड़े गए हैं और न ही धर्म जोड़ा गया है.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कौन कहता है कि बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मुस्लिम महिलाओं के साथ उत्पीड़न नहीं होता है. वहां भी उत्पीड़न किया गया लेकिन उनको शामिल नहीं किया गया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि श्रीलंका के हिंदू, भूटान के क्रिश्चियन, बर्मा के जो मुसलमान हैं क्या उनकी समस्या नहीं है?

सरकार के पास स्पष्ट आंकड़े नहीं
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार कहती है कि उसके पास शरणार्थियों के कोई स्पष्ट आंकड़े नहीं है, और आप कह रहे हैं कि करोड़ों लोगों के साथ प्रताड़ना हो रही है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आपके पास कोई आंकड़े नहीं हैं और गृह मंत्री तीन दिन से कह रहे हैं कि करोड़ों लोगों को सताया जा रहा है.

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से नागरिकता के लिए पेंडिंग आवेदनों पर चर्चा करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तीन देशों से लगभग सवा चार हजार लोगों ने नागरिकता के लिए अप्लाई किया है और आप देश को बताते हैं कि करोड़ों लोगों को सताया जा रहा है. गृह मंत्री बताएं कि ये माजरा क्या है?

समस्या हटाने के लिए बिल लाई सरकार
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि असली मुद्दों से ध्यान बंटाने के लिए सरकार यह सब कर रही है. देश में बेरोजगारी और महंगाई की समस्या से ध्यान बांटने के लिए ये बिल लेकर आई है. उन्होंने कहा कि असम समेत पूर्वोत्तर के कई इलाके इस वक्त जल रहे हैं. नागालैंड और त्रिपुरा जल रहा है. आप कह रहे हैं कि इस बिल से पूरा देश खुश है? उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. असम में सेना की टुकड़ियां तैनात की जा रही हैं. अगर सबकुछ ठीक है और लोग इस बिल से खुश हैं तो ऐसा क्यों हो रहा है.

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