केंद्र सरकार सभी लोगों के सभी मौलिक अधिकारों पर कब्जा करना चाहती है-ममता बनर्जी

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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही सियासत का पारा चढ़ता जा रहा है. गुरुवार को ममता बनर्जी ने प्रेस क्रॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. पीसी के दौरान ममता बनर्जी ने एक ओर जहां सुभाष चंद्र बोस का पुराना मुद्दा फिर से उठाया वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर व्यक्तिगत टिप्पणियां भी कीं.

अमित शाह पर टिप्पणी करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने पहले कभी ऐसा गृह मंत्री नहीं देखा. एक गृह मंत्री को देश चलाना चाहिए. इसके बजाय वो निकाय चुनावों को मैनेज करने में बिजी रहते हैं. लोगों के घरों पर भोजन करने जाते हैं और फोटो खिंचवाते हैं. अपना हमला जारी रखते हुए ममता ने कहा कि देश की हालत देखो और देश की सीमाओं को देखो, देखो अर्थव्यवस्था कहां जा चुकी है.

पीएम मोदी के साथ हुई बैठक के एक दिन बाद कोरोना वैक्सीन पर बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “वैक्सीन के बारे में वे इतनी बड़ी चर्चा में शामिल हुए लेकिन कोई नहीं जानता कि वैक्सीन कब आएगी! फिर भी वे पिछले छह महीनों से इस पर “भाषाण” देने में व्यस्त हैं.”

किसान आंदोलन पर ममता ने कहा कि केंद्र सरकार सभी लोगों के सभी मौलिक अधिकारों पर कब्जा करना चाहती है. वे किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं! कृषि कानून अवैध है. अगर कोई कानून किसानों के लिए नहीं है, बल्कि कालाबाजारियों के लिए है, तो यह गैरकानूनी है. केंद्र सरकार किसानों के अधिकार क्यों छीनना चाहती है?

बीजेपी पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा, “बीजेपी केवल एक आदमी, एक राजनीति, एक नेता चाहती है और कुछ नहीं. देश हम सभी के लिए है. वे स्वतंत्रता संग्राम में कहां भटक रहे थे. उस समय उन्होंने देश के साथ विश्वासघात किया. मैं पूरी तरह से किसानों के साथ हूं. अगर वे मुझे बुलाते हैं तो मैं उनके पक्ष में उतरने को तैयार हूं.”

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में बाहरी लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. जो लोग सांप्रदायिक समस्या खड़ी करने के लिए चुनाव से ठीक पहले बंगाल आते हैं, वे बाहरी लोगों के अलावा कुछ नहीं हैं.

चुनाव से ठीक पहले ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मुद्दा एक बार फिर उठाया. बंगाल सरकार ने नेताजी की 125 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम की घोषणा की. बंगाल सरकार ने साल भर के समारोहों की योजना बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. ममता ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और अभिजीत बनर्जी को समिति का हिस्सा बनाया है. बंगाल के बुद्धिजीवी भी कमेटी का हिस्सा होंगे.

ममता ने इस मौके पर कहा कि लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि मैं ही थी जिसने पीएम राजीव गांधी से कोलकाता हवाई अड्डे का नाम नेताजी के नाम पर रखने का अनुरोध किया था. हमें उनकी विरासत, राष्ट्र के प्रति उनके प्रेम को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए. हम नेताजी के “जय हिंद” नारे का उपयोग करके पूरे देश को जोड़ सकते हैं.

ममता ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, नेता जी को अब भी नजरअंदाज किया जाता है. उनकी फैमली और राष्ट्र को उनके मामले में एक क्लोजर मिलना अभी भी बाकी है. केंद्र सरकार ने कहा था कि वे नेताजी मामले में क्लोजर रिपोर्ट लाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

इसके साथ ही ममता ने कहा कि आजकल, इतिहास को भी बदलने का प्रयास किया जा रहा है! जिन लोगों ने देश की आजादी का विरोध किया था, उन्हें इतिहास को मिटाने की कोशिश में लाया जा रहा है. इस दौरान ममता बनर्जी ने अपनी राज्य स्वास्थ्य योजना “स्वस्थ साथी” की घोषणा भी की. यह योजना अब राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए लागू की जाएगी.

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