बातचीत करने से होगा भारत-नेपाल सीमा विवाद हल-PM ओली

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नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को कहा कि भारत के जारी सीमा विवाद को कूटनीतिक वार्ता के जरिये सुलझाया जा सकता है. हालांकि नेपाल और भारत के बीच पिछले महीने नई दिल्ली में मंत्री स्तर की वार्ता हुई थी. नेपाल की तरफ से मई 2020 में नया नक्शा जारी किए जाने के बाद से दोनों पक्ष मतभेदों को दूर नहीं कर सके हैं.

केपी शर्मा ओली ने यह बात नेपाल आर्मी की तरफ से आयोजित एक सेमिनार में कही. रक्षा मंत्री का भी कार्यभार संभाल रहे केपी शर्मा ओली ने कहा कि दबाव की राजनीति के बजाय केवल तथ्यों, समानता, सम्मान और न्याय के आधार पर ही पड़ोसी देशों के साथ संबंध सौहार्दपूर्ण बनाए जा सकते हैं.

केपी शर्मा ओली ने कहा, ‘नेपाल-भारत के संबंधों को सौहार्दपूर्ण तरीके से पटरी पर लाना होगा. हमें नक्शा छापना होगा और भारत से बातचीत करनी होगी. हमारे संबंध केवल बातचीत के माध्यम से ही सौहार्दपूर्ण हो सकते हैं. सुस्ता और कंचनपुर में सीमा विवाद बना हुआ है.’

सोमवार को सेमिनार को संबोधित करते हुए केपी शर्मा ओली ने कहा कि तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के मुद्दे के बारे में भारत के साथ खुली और मैत्रीपूर्ण बातचीत होगी. उन्होंने सवाल करते हुए कहा, “हमें अपनी सीमा को बनाए रखना चाहिए. दोनों देशों को संबंधों को बनाए रखने में तथ्य और सच्चाई पर विचार करना चाहिए. क्या दोनों देश एक दूसरे के क्षेत्र पर दावा करने की स्थिति में हैं?”

केपी शर्मा ओली ने कहा, “कुछ ऐतिहासिक रूप से अनसुलझी सीमा की समस्याएं रही हैं. लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी का मुद्दा पिछले 58 वर्षों से अधर में लटका हुआ है. जब तत्कालीन शासक ने घुसपैठ के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं की तो हम चुपचाप विस्थापित होने को मजबूर हो गए.”

नेपाल के पीएम ने कहा कि यह भी सच है कि हमारे कदम से भारत के साथ गलतफहमी बढ़ गई है. ओली ने कहा, “हमें किसी भी कीमत पर अपने क्षेत्र, सीमा पर दावा करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि सीमा मामलों के अधिक संवेदनशील होने पर सीमा सुरक्षा एजेंसियों को अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए.

नेपाली पीएम ने कहा कि हमें अपने क्षेत्र पर दावा करते हुए सतर्क रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि सीमा विवादों को सुलझाने के लिए भविष्य में बातचीत होगी. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नेपाली क्षेत्रों में घुसपैठ को रोकने और नो-मैन्स लैंड का दुरुपयोग को लेकर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. ओली ने कहा कि बॉर्डर सिक्योरिटी राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अभिन्न हिस्सा है. जब तक सीमा सुरक्षित नहीं है तब तक एक राष्ट्र सुरक्षित कैसे रह सकता है? हमने उस छोर तक एक सुरक्षा नीति लागू करने के लिए एक कार्य नीति तैयार की है.

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