प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्विट्जरलैंड के दावोस के लिए रवाना हो गए और शाम 6:30 बजे दावोस पहुंच जाएंगे। पीएम मोदी यहां पर मंगलवार से शुरू हो रहे विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करेंगे। उनकी कोशिश दुनिया के आर्थिक जगत के इस महाकुंभ में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत वैश्विक कंपनियों को देश में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने की होगी। इस काम में उनके कैबिनेट के करीब आधे दर्जन मंत्री सहयोग करेंगे।
120 सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल
प्रधानमंत्री मोदी का दावोस में व्यस्त कार्यक्रम है। वह छह मंत्रियों और दो मुख्यमंत्रियों सहित करीब 120 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सोमवार को दावोस पहुंचेंगे। उनकी पूरी कोशिश भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने की होगी। यही कारण है सोमवार को पहुंचते ही वह एयर बस, हिताची सहित 60 बड़ी कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल डिनर करेंगे। इस दौरान 20 भारतीय कंपनियों के सीईओ भी मौजूद रहेंगे। पीएम मोदी मंगलवार को दावोस में भारत में कारोबार सुगमता के लिए किए गए बदलावों की जानकारी देंगे।
इसके बाद वह डब्ल्यूईएफ के 120 सदस्यीय निवेश समुदाय से चर्चा करने का कार्यक्रम है। मोदी के एजेंडे में आर्थिक मुद्दों के अलावा रणनीतिक मुद्दे भी शीर्ष पर होंगे। इसी कड़ी में वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, स्विस राष्ट्रपति अलेन बर्सेट से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री के साथ-साथ वित्तमंत्री अरुण जेटली, वाणिज्यमंत्री सुरेश प्रभु, रेलमंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह भी दावोस में कुल 25 सत्रों को संबोधित करेंगे।
21 वर्ष बाद हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय पीएम मोदी
पीएम मोदी 1997 के बाद इस प्रतिष्ठित वैश्विक व्यापारिक सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। इससे पहले 1997 में अपने छोटे कार्यकाल के दौरान देवेगौड़ा इस सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं। नरसिम्हा राव 1994 में इस सम्मेलन में शामिल होने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। वाजपेयी और मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के दौरान विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। इसी तरह से ट्रंप से पहले 2000 में क्लिंटन इस सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं। इसके बाद बुश और ओबामा इसमें शामिल नहीं हुए थे। पिछले साल चीन की तरफ से पहली बार चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सम्मेलन में शामिल हुए थे। पिछले दो वर्षों में पीएम मोदी और ट्रंप की दो बार मुलाकात हो चुकी है। दोनों नेता जून 2017 में पहली बार वॉशिंगटन डीसी में मिले थे। इसके बाद इनकी दूसरी मुलाकात आसियान बैठक के दौरान हुई थी। दावोस एक बार फिर दोनों नेताओं की मुलाकात का एक मंच हो सकता है।