भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कॉल ड्रॉप पर लगाम लगाने के लिए ज्यादा अधिकार दिए जाने की मांग की है. ट्राई का कहना है कि कॉल ड्रॉप पर तय नियमों के उल्लघंन पर संबंधित मोबाइल ऑपरेटर कंपनी के अफसरों को दो साल की जेल हो. साथ ही संबंधित कंपनी पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाए.
सेक्शन 29 में संशोधन का प्रस्ताव
नियामक ने ट्राई कानून, 1997 की धारा 29 में संशोधन का प्रस्ताव किया है. यह धारा उसके निर्देशों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने के बारे में है. ट्राई ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DOT) से कहा, ‘अगर सर्विस प्रोवाइडर इस एक्ट के रेग्युलेशन, लाइसेंस के टर्म्स और कंडीशन के खिलाफ काम करते हैं, तो ऐसे मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.’
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था ट्राई का आदेश
ट्राई ने कॉल ड्रॉप पर सख्ती दिखाते हुए हाल ही में मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के खिलाफ जुर्माना लगाए जाने का आदेश जारी किया था. इस तहत संबंधित कंपनी पर प्रति कॉल ड्रॉप 1 रुपये का जुर्माना लगाया जाना था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को खारिज कर दिया था. इसके बाद ट्राई ने नए सिरे से रेग्युलेशन की पहल की है.
10 जून को ट्राई की अहम मीटिंग
ट्राई की ओर से पिछले कुछ रियलिटी चेक में कॉल ड्रॉप को लेकर काफी चिंताजनक स्थिति सामने आई है. अभी ट्राई को कॉल ड्रॉप के लिए जिम्मेदार संबंधित सर्विस कंपनी पर अधिकतम 2 लाख रुपये जुर्माना लगाने का अधिकार है. ट्राई इसकी सीमा बढ़ाने की कोशिश में है. 10 जून को कॉल ड्रॉप को लेकर ट्राई ने एक अहम मीटिंग भी बुलाई है.