हम अपने आसपास ऐसे लोगों को देखते हैं जो कानों में ईयरफोन लगाकर गानों का आनंद उठाते हैं। शायद आप भी कुछ ऐसा ही करते होंगे। अगर सड़क पर चलते-चलते मनोरंजन हो जाए तो क्या बुरा है? जनाब बुरा है, यह आपके कानों के लिए अच्छा नहीं है। तेज आवाज और लगातार गानें सुनने से आपके कानों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो कुछ सालों में ईयरफोन से कान खराब होने के मामले और सड़क पर ईयरफोन्स के इस्तेमाल से होने वाली दुर्घटनाओं का लेवल बढ़ गया है। हम इस बात से अनजान हैं कि युवाओं का यह शौक कुछ ही सालों में गंभीर परेशानी के रूप में सामने आ सकता है।
ईयरफोन्स से होने वाले नुकसान…
-ईयरफोन्स के लगातार प्रयोग से सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसीबेल तक कम हो जाती है।
-कान का पर्दा वाइब्रेट होने लगता है।
-दूर की आवाज सुनने में परेशानी होने लगती है।
-इससे बहरापन भी हो सकता है।
-कान में दर्द, सिर दर्द या नींद न आने जैसी सामान्य समस्याएं हो सकती हैं।
-तेज आवाज में संगीत सुनने से मानसिक समस्याएं तो ग्रसित करती ही हैं हृदय रोग और कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है।
-ईयरफोन्स बाहरी भाग के कान के परदे को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ अंदरूनी हेयरसेल्स को भी तकलीफ पहुंचाता है।
आमतौर पर कान 65 डेसिबल की ध्वनि को ही सहन कर सकता है। लेकिन ईयरफोन पर अगर 90 डेसिबल की ध्वनि अगर 40 घंटे से ज्यादा सुनी जाए तो कान की नसें पूरी तरह डेड हो जाती है।
कैसे बचें-
-ईयरफोन का इस्तेमाल कम से कम करने की आदत डालें।
-अगर आपको घंटों ईयरफोन लगाकर काम करना है, तो हर एक घंटे पर कम से कम 5 मिनट का ब्रेक लें।
-अच्छी क्वालिटी के ही हेडफोन्स या ईयरफोन्स का प्रयोग करें।
-ईयरबड की बजाय ईयरफोन्स का प्रयोग करें क्योंकि यह बाहरी कान में लगे होते हैं।
आज लगभग पचास प्रतिशत युवाओं में कान की समस्या का कारण ईयरफोन्स का अत्यधिक प्रयोग है। डॉक्टरों के अनुसार इनके ज्यादा उपयोग लेने से कानों में अनेक प्रकार की समस्या हो सकती है जिनमें कान में छन-छन की -आवाज आना,चक्कर आना, सनसनाहट, नींद न आना, सिर और कान में दर्द आदि मुख्य है।