पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में एक बयान देते हुए कहा है कि धोनी की सफलता में सबसे बड़ा हाथ पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का है। गांगुली की कप्तानी में ही धोनी दुनिया के सामने एक बड़े खिलाड़ी के तौर परसामने आए है । धौनी को एक बड़ा खिलाड़ी बनाने के पीछे दादा का ही हाथ रहा। सहवाग ने बताया कि जब दादा कप्तान थे उस समय हम बल्लेबाजी के ऑर्डर में एक रणनीति के तहत मैदान पर उतरते थे। हम फैसला करते थे कि अगर हमें ओपनिंग के लिए अच्छी साझेदारी मिलती है तो सौरव गांगुली खुद तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरेंगे और अगर खराब पार्टनरशिप होती थी तो इरफान और धौनी जैसे खिलाडिय़ों को बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा जो तेज़ी से रन बनाने में सक्षम हों। इसके बाद गांगुली ने फैसला लिया कि वे धोनी को अपनी जगह तीसरे नंबर पर खेलने का मौका देंगे। सहवाग ने कहा कि गांगुली हमेशा ही नए खिलाडिय़ों को मौका देते थे। अगर दादा ऐसा नहीं करते तो धौनी आज दुनिया के बड़ी खिलाड़ी नहीं होते।
2005 में विशाखापट्टनम के मैदान पर माही ने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की थी। आपको बतां दें कि धोनी ने अपने वनडे करियर का पहला शतक भी तीसरे नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए जड़ा था। सबसे खास बात ये है कि ये धौनी के करियर का सिर्फ पांचवां वनडे मैच था।