अगर आपका भी आधार कार्ड प्लास्टिक का या लेमिनेटेड करा हुआ है तो हो जाए सावधान !

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भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मंगलवार को जनता को आगाह किया कि, वह प्लास्टिक वाले या लेमिनेटेड आधार स्मार्ट कार्ड के चक्कर में नहीं पड़े। क्योंकि इनकी अनाधिकृत छपाई से क्यूआर कोड काम करना बंद कर सकता है या उनकी सहमति के बिना ही व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक हो सकती है। प्राधिकरण का कहना है कि आधार पत्र या इसका कटा हुआ भाग, सामान्य कागज पर आधार का इंटरनेट से निकाला गया संस्करण या एम आधार पूरी तरह वैध है।

प्राधिकरण का कहना है कि आधार स्मार्ट कार्ड की अनाधिकृत छपाई से उपयोक्ता को 50 से 300 रुपये की लागत आएगी जो कि पूरी अनावश्यक है। प्राधिकरण ने एक बयान में कहा है, ‘प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड का आमतौर पर क्यूआर कोड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। क्योंकि अनाधिकृत छपाई के दौरान यह कोड काम करना बंद कर देता है।

इसके अनुसार इसके साथ ही इस प्रक्रिया में उपयेक्ता की व्यक्तिगत जानकारी उसकी मंजूरी के बिना ही सार्वजनिक की जा सकती है। यूएडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड पूरी तरह अनावश्यक व बर्बादी है क्योंकि डाउनलोड कर सामान्य कागज पर प्रकाशित आधार कार्ड या ‘एम आधार पूरी तरह वैध है।

सरकार ने सभी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को लिंक करना आवश्यक कर दिया है और यह भारतीय व्यक्ति की यूनिक आईडेंटीटी है। इसलिए लोग इसे ज्यादा समय तक सुरक्षित रखने के लिए लेमिनेट करवा लेते हैं या प्लास्टिक वाला आधार कार्ड इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ऐसा करना आपके आधार कार्ड को सुरक्षित करने की जगह असुरक्षित कर सकता है और आपकी जानकारी को खतरे में डाल सकता है।

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