अविवादित नामांतरण-बंटवारे के 94 प्रतिशत प्रकरणों का हुआ निराकरण

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राजगढ़ – ईपत्रकार.कॉम |राजस्व अधिकारी नामांतरण या बंटवारे के जितने भी प्रकरण लंबित है उन्हें 15 नवम्बर 2017 तक अभियान के रूप में लें। जिले में अविवादित नामांतरण बंटवारे के 94 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण हो गया है। जो प्रकरण शेष है उनसे संबंधित आवेदन कोई भी पटवारी अपने पास नही रखें। वे सीधे न्यायालय में पेश करें। जिससे उनका निराकरण 15 नवम्बर से पूर्व किया जा सके। यह निर्देश राजस्व अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा द्वारा दिए गए। विवादित वाले प्रकरणों को उन्होंने सो मोटो मोड पर लेने, ग्राम के समस्त कृषकों को उनके स्वामित्व की कृषि भूमि की खसरा एवं बी-1 की नकले संबंधितों को शतप्रतिशत वितरित करने एवं जो कृषक ग्राम से बाहर निवास करते है, उनके रिश्तेदारों को वितरण करने के निर्देश उन्होंने दिए है।

उन्होंने न्यायालयों में लंबित सीमांकन प्रकरणों को आगामी 15 दिवस में चिन्हित कर उनका सीमांकन कर निराकरण करना सुनिश्चित करने तथा आरसीएमएस में दर्ज करने और सीमांकन इटीस मशीन से कराने निर्देशित किया। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने अनुभाग अंतर्गत गांवो में जाकर उक्त ग्राम को राजस्व विवादहीन बनाने हेतु मौके पर निराकरण करें। अविवादित नामांतरण, बटंवारा, सीमांकन तथा शासकीय भूमि, स्कूल, शमशान, मरघट आदि पर से अतिक्रमण हटाना एवं शासकीय रास्ता विवाद एवं अन्य न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित जानकारी कर आकलन कर प्रतिवेदन तैयार करें। शासकीय संपत्ति जैसे स्कूल, कालेज, शमशान आदि के खसरे में दर्ज कराने, जिनका अवार्ड पारित किया गया है उसे तीन नंबर में दर्ज कराने, शामलात खाते वाली भूमि का बटंवारा हेतु कृषकों को प्रेरित कर आवेदन आमंत्रित हेतु हिदायत देने तथा राजस्व विवाद विहीन ग्राम प्राथमिकता दिए जाने के निर्देश दिए।

उन्होंने समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री आवास के घरों को भी राजस्व विवादहीन घोषित कराने तथा इनमें राजस्व विभाग का कोई भी प्रकरण लंबित नही रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने अनुभाग स्तर पर स्वरोजगार योजना की समीक्षा करें। आगामी 15 दिनों में शतप्रतिशत प्रकरणों में वितरित कराने बैंक से मिलकर हितग्राही को बुलवाकर जल्द से जल्द निराकरण किया जाना सुनिश्चित करने निर्देश दिए।

बैठक में डायवर्सन और 59 की समीक्षा की गई जिसमें अर्थदंड एवं भू-भाटक की शत प्रतिशत वसूली हेतु निर्देशित किया गया तथा तीन माह से अधिक अवधि वाले प्रकरणों को शून्य करने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया गया कि वे अनुभाग स्तर पर प्रति मंगलवार जनसुनवाई पश्चात वसूली कैंप लगाए जाकर वसूली किया जाना सुनिश्चित करें।

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