घर-घर जाकर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करें-कलेक्टर श्री शशांक मिश्र

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बैतूल- (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने कहा कि जिले में एक से सात सितंबर तक चलाए जाने वाले राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के दौरान पोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया जाए। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों की कामकाजी महिलाओं को स्वयं एवं उनके बच्चों के पोषण के प्रति सजग बनाया जाए। सप्ताह के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दायित्व होगा कि वे घर-घर जाकर लोगों को पोषण के प्रति जागरूक करें। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑडियो और वीडियो के माध्यम से भी पोषण के संबंध में जानकारी दी जाए। श्री मिश्र गुरूवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह अंतर्गत आयोजित जिला स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सप्ताह के दौरान आंगनबाडिय़ों में मुनगा के पौधे लगाने एवं उपलब्ध मुनगा के उपयोग के प्रति जागरूकता लाने का कार्य भी गंभीरता से किया जाए। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि पोषण सप्ताह औपचारिकता न बन, बेहतर कार्य का माध्यम बने। कार्यशाला में एकीकृत बाल विकास सेवा के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई एवं जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एके भट्ट भी मौजूद थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री सुमन कुमार पिल्लई ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण सप्ताह का उद्देश्य लोगों में पोषण जागरूकता को बढ़ावा देना, पोषण विविधता के बारे में जानकारी देना, स्थानीय खाद्य सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देना, किचन-गार्डन लगाने हेतु जागरूकता लाना सहित स्वास्थ्य एवं पोषण लिंकेज बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान माताओं एवं परिवारों को मुख्य रूप से विटामिन-सी से भरपूर आहार एवं आयरन के उपयोग, हरी पत्तेदार तथा नारंगी रंग के फल एवं सब्जियों से मिलने वाले लाभ, बढ़ते हुए बच्चे को दिए जाने वाले पोषक आहार एवं उनकी मात्रा की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा दो वर्ष की आयु तक स्तनपान करने से बच्चे को होने वाली स्वास्थ्य वृद्धि, छ: माह की आयु के बाद पूरक आहार की जानकारी देना भी अभियान का प्रमुख उद्देश्य होगा। शिशु टीकाकरण की जानकारी भी अभियान के तहत दी जाएगी। कार्यशाला में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एके भट्ट द्वारा बताया गया कि बच्चों को उनकी मांग अनुसार दिन में बार-बार अनुकूल आहार की पूर्ति कराई जानी चाहिए एवं नियमित रूप से उनकी देखभाल की जानी चाहिए। उन्होंने समय पर टीका लगवाने पर भी जोर दिया।

कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. आरडी बारपेटे द्वारा इस दौरान पोषण वाटिका बनाए जाने हेतु उपयुक्त आवश्यकताओं की जानकारी दी गई। यूनिसेफ के कंसलटेंट श्री मनोज चौहान द्वारा पोषण सप्ताह के दौरान आयोजित होने वाले स्नेह शिविरों में की जाने वाली गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। कार्यशाला में विभाग की परियोजना अधिकारी श्रीमती नीरजा शर्मा द्वारा सप्ताह के दौरान प्रतिदिन आयोजित होने वाली गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं मैदानी पर्यवेक्षकों सहित स्थानीय मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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