जो लोग अकसर रोते हैं उनमे होते हैं ये कमाल के गुण

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रोने वालों को भले ही बात-बात पर रोने वाला या कमजोर दिल का कहा जाता हो लेकिन क्या रोना वाकई इतना बुरा? हालांकि हमारे समाज में रोना हमेशा कमजोरी की निशानी माना जाता है मगर ये पूरी तरह से सही नहीं है। जो लोग अकसर रोते हैं, वो न रोने वालों से भावनात्मक रूप से ज्यादा अच्छे होते हैं। यहां ‘क्राई बेबीज ‘ के ऐसे ही कुछ गुण हैं जो काश हम सभी में होते…

1. तनाव बढ़ने पर अगर आप रो नहीं पाते तो आपमें नकारात्मकता बढ़ जाती है। रोना तनाव से मुक्ति पाने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे दिल की बीमारी, डायबीटीज, हायपर टेंशन जैसी न जाने कितनी बीमारियां घेर लेती हैं। बेहतर इनसे बचने के लिए थोड़े आंसू बहा लिए जाएं।

2. हम सबको ये डर सताता है कि लोग हमें कमजोर न समझें लेकिन जो लोग दूसरों के सामने रो लेते हैं, उनमें ये डर नहीं होता। कमजोर होना बुरा हो सकता है लेकिन लोग इस बारे में क्या सोचेंगे, इसकी परवाह न करना, ये भी बढ़िया क्वॉलिटी है।

3. इमोशनल इंटेलिजेंस या इमोशनल कोशेंट जिसे ईक्यू भी कहते हैं, आजकल लोगों की तुलना करने में इसे भी पैमाने के तौर पर देखा जाता है। अगर आप रो पाते हैं तो इसका मतलब है कि आपको भावनाओं की कद्र है और उसी के रिस्पॉन्स में रोते हैं। इससे आपके मन में कोई दबा भाव नहीं रह जाता।

4. हमारे समाज में माना जाता है कि रोना लड़कों को शोभा नहीं देता, महिलाएं ही रोती हैं। इसलिए अगर कोई पुरुष सबके सामने रो लेता है तो इसका मतलब है कि समाज के थोपे हुए भेदभाव के नियम को नहीं मानता।

5. दोस्ती का रिश्ता भावनाओं से जुड़ा होता है। जो लोग रो लेते हैं उनका इमोशनल कोशेंट अच्छा होता है, वे दूसरों को भी उनकी भावनाओं से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करते हैं। वे दूसरों की भावनाओं को भी आसानी से समझ लेते हैं।

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