बेटियों को बढ़ने के दौरान कई प्रकार की हिदायतें और निर्देश दिए जाते हैं जबकि इन हिदायतों को बेटों को भी देना आवश्यक होता है। हर महिला को अपने बेटे को 5 वर्ष की आयु से ही कुछ सीख अवश्य देनी चाहिए। इससे उनका विकास अच्छी तरह होता है और वह बड़े होकर एक जिम्मेदार व आदर्श व्यक्ति बनते हैं। 18 वर्ष की आयु से पूर्व हर मां को अपने बेटे को निम्न बातें सिखानी चाहिए।
- कई लोग, बेटों को किचन का कोई काम नहीं करने देते हैं। वो बोलते हैं कि किचन में काम करना लड़कियों का काम है। ऐसा न करें, बल्कि बेटे को बताएं कि किचन में काम करना सिर्फ फीमेल का नहीं, बल्कि पुरुषों का भी काम है। उन्हें बेसिक कुकिंग भी सिखाएं।
- 12 वर्ष की आयु के बाद बच्चा, परिपक्व होने लगता है। उसे आप इस अवस्था में बेसिक कुकिंग जैसे- चाय बनाना, सैंडविच बनाना आदि सिखा सकती हैं।
- बेटे को शारीरिक हिंसा से दूर रहने को कहें।
- हर महिला को अपने पुत्र को महिलाओं का सम्मान करने की सीख देनी चाहिए।
- कई महिलाएं अपने बेटे को रोते समय बोलती हैं कि तुम लड़की हो क्या…ऐसा न कहें। भावनात्मक होना कोई शर्मनाक बात नहीं है। ऐसा करने से आप उस बच्चे के साथ अन्याय कर रही हैं।
- बेटे को बताएं कि उसे मन में सभी के प्रति दयाभाव रखना चाहिए। क्रूर बनना बेहद शर्मनाक बात है। जीवों से प्रेम करना और सभी को प्यार करना
सिखाएं। - घरेलू कामकाज भी हर लड़के को सिखाने चाहिए, ताकि उसे जीवन में छोटे से छोटे काम के लिए किसी का मुँह न ताकना पड़े।