अगर आप का बच्चा 5वीं से 8वीं का छात्र हैं और ओर आप उसकी पढ़ाई पर कम ध्यान दे रहे हैं कि पासिंग मार्क्स न आने के बावजूद आपको अगली कक्षा में बैठने का मौका मिल ही जाएगा, तो आप गलत सोच रहे हैं| क्योंकि केंद्र सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म करने का फैसला ले लिया है| बुधवार को हुए कैबिनेट मीटिंग में स्कूलों में फेल नहीं करने की नीति को खत्म करने की मंजूरी दी.
अब राइट टू एजुकेशन विधेयक में संशोधन किया जाएगा| इस संशोधन के बाद अब राज्यों को अनुमति दी जाएगी कि 5वीं-8वीं क्लास की परीक्षा में असफल होने पर उन्हें रोक सके|
हालांकि, छात्रों को कक्षाओं में रोकने से पहले एक परीक्षा के जरिये सुधार का एक दूसरा मौका दिया जाएगा। विधेयक अब मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा।
शिक्षा के अधिकार अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के तहत छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए बिना भी आठवीं कक्षा तक बढ़ते जा सकते हैं। यह एक अप्रैल, 2011 को लागू हुए अधिनियम के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है।