धार – ईपत्रकार.कॉम |सूचना का अधिकार अधिनियम शासन प्रशासन की व्यवस्थाओं को पारदर्शी बनाने के लिए लागू किया गया है। पारदर्शी व्यवस्था से प्रक्रियाओ को सरल और साफ-सुथरा बनाने के लिए अधिनियम में कई प्रावधान है। लोक सूचना अधिकारी को आवश्यक है कि वे किसी भी प्रकरण के संबंध में सर्वप्रथम अधिनियम को जाने और समझे। सूचना के अधिकार अधिनियम को सकारात्मक सोच के साथ समझने की आवश्यकता है। सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार प्रकरण का निराकरण नियत समयावधि में करे। सूचना के अधिकार को साफ मन से समझने की आवश्यकता है। लोक सूचना अधिकारी इस अधिनियम की एक महत्वूपर्ण कड़ी है। यह बात मुख्य सूचना आयुक्त श्री के.डी खांन ने मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में सूचना के अधिकार विषय पर आयोजित बैठक में दिए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री बीरेन्द्र सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आर.के. चौधरी, अपर कलेक्टर श्री डी.के. नागेन्द्र, वन मण्डलाधिकारी श्री हाय.पी. सिंह, नगरीय निकायों के अधिकारीगण, जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारीगण, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारीगण सहित अन्य सभी संबंधित समस्त विभागो के लोक सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री खाने ने सूचना के अधिकारी अधिनियम के तहत व्यक्तिगत, प्रशासनिक एवं जनहित के प्रावधानों और नियमों की जानकारी विस्तार से दी। उन्होने उपस्थित अधिकारियों से आव्हान करते हुए कहा कि आरटीआई अधिनियम का सही ढंग से पालन होना चाहिए। उन्होंने कई प्रकरणो के निराकरण के प्रसंग बताते हुए इस अधिनियम की उपयोगिता बताई। साथ ही अधिनियम की विभिन्न धाराओं के बारे में बताते हुए कहा कि इन धाराओं को अच्छी तरह से अवलोकन कर लेवे।
बैठक में राज्य सूचना आयुक्त श्री हीरालाल त्रिवेदी ने भी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओ में जानकारी देते हुए लोक सूचना अधिकारी की जिम्मेदारी और जवाबदेही संबंधित दिशा निर्देशों के बारे में बताया। उन्होंने विभागीय स्तर पर लोक सूचना अधिकारी के दायित्वों और जिम्मेदारियों की जानकारी दी। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रश्न पूछे जिनका समाधान मुख्य सूचना आयुक्त श्री खान एवं राज्य सूचना आयुक्त श्री त्रिवेदी ने किया गया।