सपा कांग्रेस गठबंधन तय होने के साथ ही सत्ताधारी पार्टी में टिकट के तमाम दावेदारों की बेचैनी बढ़ गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा नए सिरे से प्रत्याशी सूची तैयार करने व सौ से ज्यादा सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ने की सूरत में कई ऐसे लोगों के टिकट पर तलवार लटक गई है। इसके अलावा शिवपाल समर्थक टिकट के दावेदारों अलग बेचैनी है।
असल में अखिलेश के हाथ में सपा की कमान आने से पहले मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव दो चरणों में 396 प्रत्याशी तय कर चुके थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केवल 235 प्रत्याशी तय किए थे। अब अखिलेश यादव रामगोपाल संग मिलकर नए सिरे से तीन सौ सीटों पर प्रत्याशी तय कर रहे हैं। ऐसे में 103 सीटें कम हो जाने के कारण दावेदारों में खासी निराशा है।
यह सीटें कांग्रेस व दूसरे सहयोगियों को दी जानी हैं। अखिलेश की सूची में शामिल विधायक कुलदीप सेंगर, अरिदमन सिंह के भाजपा में चले जाने से यहां नए प्रत्याशी तय होंगे। चुनाव आयोग के फैसले और मुलायम सिंह यादव के नरम रुख के बाद अब यह साफ हो गया है कि अखिलेश जिसे चाहेंगे वही चुनाव में साइकिल की सवारी करेगा।
ऐसे में शिवपाल सिंह यादव समर्थकों के टिकट को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि इनका क्या होगा? ऐसा नहीं है कि अखिलेश यादव शिवपाल सिंह यादव के सभी समर्थकों से नाराज हैं, लेकिन उन्हें कुछ नामों पर आपत्ति जरूर है।