अगले 3 से 5 सालों में भारत में होगा Xiaomi का सबसे बड़ा मार्केट शेयर: सीईओ

0

देश भर में इन दिनों चीनी सामानों का बहिष्कार का ट्रेंड चल रहा है. कई रिपोर्ट्स आ रही हैं जिनमें दिखाया जा रहा है कि लोग इस दिवाली पर चीनी लाइट्स का बायकॉट कर रहे हैं और देशी सामानों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. देशी सामानों का यूज कई लिहाज से फायदेमंद है इस तथ्य को ठुकराया नहीं जा सकता है.

लेकिन क्या ये बहिष्कार सिर्फ चुनिंदा प्रोडक्ट्स के लिए ही है या सभी के लिए. आंकड़ों से तो यह जाहिर हो रहा है कि चीनी प्रोडक्ट्स की बिक्री लगातार बढ़ रही हैं.

शाओमी ने 18 दिन में बेचे 10 लाख स्मार्टफोन्स
चीन की टेक्नॉलोजी दिग्गज शाओमी ने कहा है कि कंपनी ने भारत में सिर्फ 18 दिनों में 10 लाख से ज्यादा स्मार्टफोन बेज दिए हैं. इस मौके पर कंपनी के सीईओ ली जुन ने भारत में शाओमी के कर्मचारियों और फैंस के लिए एक खुला खत लिखा है.

उन्होंने अपने ओपन लेटर में यहां के कर्मचारियों की सराहना करते हुए आला अधिकारियों की जमकर तारीफ भी की है. भारतीय फैंस का शुक्रिया अदा किया है और पिछले कुछ सालों से शाओमी इंडिया से जुड़े कुछ खास तथ्य भी बताए हैं.

Redmi Note 3 के 2.3 मिलियन युनिट्स सिर्फ छह महीने में बिक गए
उन्होंने कहा है कि सिर्फ छह महीने में ही कंपनी ने Redmi Note 3 के 2.3 मिलियन युनिट्स बेच दिए जो अब शाओमी का सबसे ज्यादा बिकने वाला स्मार्टफोन बन चुका है.

3 से 5 साल में भारतीय बाजार में होगा कब्जा
इतना ही नहीं उन्होंने अपने खुले खत में यह भी लिखा है कि भारत में अगले 3 से 5 सालों में शाओमी मार्केट शेयर के मामले में सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी.

जाहिर है यह स्टेटमेंट माइक्रोमैक्स, लावा और इंटेक्स जैसे स्वदेशी कंपनियों को नागवार ही गुजरेगा.

ओपेन लेटर के जरिए उन्होंने शेयर किए हैं ये आंकड़े

अगस्त, 2015: शाओमी पीएम मोदी के मेक इन इंडिया में भागिदार बनने वाली पहली कंपनी बनी.

जुलाई से अगस्त 2016: आईडीसी के आंकड़ों के मुताबिक कंपनी भारत में नंबर-1 ऑनलाइन स्मार्टफोन ब्रांड बन गई.

सितंबर 2016 : आईडीसी के मुताबिक कंपनी भारत के टॉप 30 शहरों में 8.4 फीसदी मार्केट शेयर के साथ तीसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन वेंडर बन गई.

सितंबर 2016: Redmi Note 3 ऑनलाइन मार्केट में बिकने वाला बेस्ट सेलिंग स्मार्टफोन बन गया और सिर्फ 6 महीने में 2.3 मिलियन युनिट्स बिक गए.

गौरतलब है कि आईडीसी यानी इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन अमेरिका की मार्केट रिसर्च अलानिसिस कंपनी है और बड़ी कंपनियां इसके डेटा पर भरोसा करती हैं.

 आंकड़ों से इस बात का अंदाजा हो गया होगा कि किस कदर चीनी स्मार्टफोन कंपनी देश में आक्रामक तरीके से हावी हो रही है. लेकिन सवाल यह है कि अगर चीनी सामानों का बायकॉट जोर शोर से हो रहा है तो यह नौबत क्यों आ रही है.

Previous articleवाल्मीकी समाज के लिये सभी जरूरी कदम उठाये जायेंगे
Next article3 दिसंबर को ही खत्म होगा जियो का फ्री डेटा ऑफर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here