ज्यादा चीनी खाने से मोटापा बढने की बात तो आमतौर पर सभी जानते हैं लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि चीनी की ज्यादा मात्रा मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर याददाश्त को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा हाल ही में किये गये अनुसंधान में यह पता चला है कि चीनी की अत्यधिक मात्रा मस्तिष्क को प्रभावित करती है और तनाव बढ़ाती है।
शोध में कहा गया है कि 50 ग्राम अर्थात 12 चम्मच से अधिक चीनी मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है और इसकी कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है जिससे आगे चल कर याददाश्त में भी कमी आने का खतरा है। विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता जयंती मनियम और माग्र्रेट मोरिस ने कहा, “हम सब जानते हैं कि नींबू पानी और कोला जैसे मीठे पेय पदार्थ न सिर्फ कमर और दांत के लिए नुकसानदेह होता है लेकिन नवीनतम अनुसंधान में यह पता चला है कि चीनी दिमाग के उस हिस्से पर असर डालती है जो व्यवहार और याददाश्त के लिए जिम्मेदार है।”
उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ता 15 दिनों से अधिक समय तक चूहों के तीन समूहों पर किए गए परीक्षण के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। अपने शोध के लिए वैज्ञानिकों ने चूहों के तीन समूह बनाए। पहले समूह के चूहों को नौ दिनों के लिए अलग थलग रखा गया। दूसरे समूह के चूहों को चीनी खिलाई गयी जबकि तीसरे समूह के चूहों को स्वतंत्र छोड़ दिया गया। वैज्ञानिकों ने 15 दिनों के बाद पाया कि स्वतंत्र छोडे गए चूहों का समूह बाकी अन्य दो समूहों के मुकाबले अधिक स्वस्थ था।
इसके बाद अलग रखे गये चूहे और चीनी खानेवाले चूहों के दिमाग की बारीकी से जांच की गई तो वैज्ञानिकों ने पाया कि दोनों समूहों के चूहों के मस्तिष्क को काफी नुकसान पहुंचा है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अत्याधिक चीनी के सेवन से न्यूरोन्स के विकास के लिए जिम्मेदार न्यूरोड वन जीन प्रभावित होते हैं जो आगे चल कर अवसाद, तनाव और मूड ङ्क्षस्वग जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने युवाओं को अपनी खान पान की आदतों में बदलाव करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी है।