आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सैयद सलाहुद्दीन ने PAK सरकार को दी चेतावनी

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आतंकवाद पर पाकिस्तान की नीति में कितना दोमुंहापन है इस बात का उदाहरण सामने आया बुधवार को. एक तरफ जहां पाकिस्तान पठानकोट में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात करता है वहीं खुलेआम आतंकी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धमकी दे रहे हैं और पुलिस उसकी सुरक्षा में लगी रहती है. पठानकोट एयरबेस पर हमले की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन हिजबुल के चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने बुधवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के प्रेस क्लब में मीडिया से बात की.

जैश और हिजबुल पर शक
रिपोर्ट के अनुसार सलाहुद्दीन ने भारत के आरोपों पर पाक सरकार द्वारा हुई कार्रवाई की खुलेआम निंदा की. भारत ने पठानकोट में एयर बेस पर आतंकी हमले के लिए इन्हीं ग्रुपों को जिम्मेदार ठहराया है. पाकिस्तान समर्थक और पाक के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकियों के समूह यूनाइटेड जिहाद काउंसिल (यूजेसी) के चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने दो जनवरी को भारत के पठानकोट में एयर फोर्स के बेस पर हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.

पाकिस्तान में हुई थी छापेमारी
भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने इस दावे को संशयी नजरों से देखा था. इंडिया ने इस हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया था . पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद चीफ के साथ इस संगठन के अन्य नेताओं को अरेस्ट किया था. पाकिस्तान ने इस संगठन से जुड़े दफ्तरों और सेमीनारों को बंद करा दिया था.

PAK से पूछा- किसके साथ?
सलाहुद्दीन ने न्यूज कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी ऐक्शन का हवाला देते हुए कहा, ‘हमलोग इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि पाकिस्तानी सरकार हमारे साथ है या अपने दुश्मन के साथ है? पाकिस्तान न केवल हमारी वकालत करता है बल्कि वह कश्मीर विवाद में लंबे वक्त से एक पार्टी के रूप में खड़ा रहा है. कश्मीर मामले में पाकिस्तानी जनता, सरकार और मीडिया को संरक्षक के रूप में रहना चाहिए न कि इसके उलट.’

पाकिस्तान में मिलती है आतंक को पनाह
भारत हमेशा से कहता रहा है कि पाकिस्तान भारत के साथ शत्रुता रखने वाले आतंकी समूहों को पनाह देता है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के प्रेस क्लब में सलाहुद्दीन बोल रहा था. पुलिस बाहर खड़ी थी लेकिन उसने अरेस्ट करने की हिम्मत नहीं जुटाई. दो जनवरी को इंडियन एयर फोर्स बेस पर हमले के बाद यूनाइटेड काउंसिल ने चेतावनी दी थी कि कश्मीर पर भारत अड़ा रहा तो इस तरह के हमले देश भर में होंगे.

जैश के खिलाफ कार्रवाई का दावा
पठानकोट में हमले के बाद पाकिस्तान ने कहा था कि कठोर नीति अपनाकर जैश-ए-मोहम्मद पर शिकंजा कसा गया है. भारत लंबे वक्त से कहता रहा है कि ऐसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान अपनी जमीन पर पाल-पोस रहा है. भारत ने दावा किया है कि पठानकोट में हमले की रणनीति पाकिस्तान में बनी थी. भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि वह इन ग्रुपों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. पिछले हफ्ते दोनों देशों ने इस हमले की जांच पूरी होने तक विदेश सचिवों के बीच होने वाली वार्ता को टाल दिया था. 2001 में भारतीय संसद पर हमले के मामले में भी भारत ने जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया था. इस हमले के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति हो गई थी.

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