आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए सभी कर्ज माफ होंगे : मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

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प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों द्वारा साहूकारों से लिए गए सभी कर्ज माफ होंगे। इससे प्रदेश के डेढ़ करोड़ आदिवासी साहूकारों के कर्ज से मुक्त होंगे।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज छिंदवाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बताया कि सरकार ने इसके लिए सभी औपचारिक व्यवस्थाएँ कर ली हैं। सभी 89 अनुसूचित क्षेत्रों में यह कर्ज 15 अगस्त तक माफ होना शुरू हो जाएंगे। श्री कमल नाथ ने वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आदिवासी वर्ग की मांग पर अनुसूचित जनजाति विभाग का नाम बदलकर आदिवासी विकास विभाग किया जायेगा।

समारोह में अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि नई सरकार ने कम समय में आदिवासी वर्गों के लिए जितने बड़े फैसले लिए है, वह एतिहासिक दस्तावेज बन गए हैं। उन्होंने कहा कि इन फैसलों से आदिवासी समाज की उन्नति का नया मार्ग खुलेगा और वे पिछड़ेपन के दंश से उबर कर सम्मानित जीवन जीने की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने जिस तरह से आदिवासियों के हित में फैसले लिए हैं इसलिए मैं कहता हूँ कि वे स्वयं आदिवासी है। उनकी चिंता इस वर्ग के लिए ऐसी है, जैसे वे हमारे समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हों। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि मुझे गर्व है कि उन्हें आदिवासी माना गया उन्होंने कहा यह मेरे लिए सम्मान और आदर की बात है और मुझे इस पर गर्व है।

है कि हमारे आदिवासी समाज की गौरवशाली संस्कृति सभ्यता और इतिहास को सुरक्षित रखा जाये। उन्होंने आदिवासी समाज के युवकों का आव्हान किया कि वे आज के दिन यह संकल्प लें कि वे अपनी संस्कृति, सभ्यता और इतिहास को जीवित रखेंगे और उन्हें सुरक्षित रखेंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में जो भटकाव पैदा हो रहा है, आज उसे रोकने की आवश्यकता है। इसके लिए नौजवानों को आगे आने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे जंगल सुरक्षित हैं। अभी तक हमारा जो पर्यावरण प्रदूषण रहित था, उसका श्रेय आदिवासी समाज को जाता है जिन्होंने जंगलों को सुरक्षित रखा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में नई सरकार बनने के बाद हमने जो प्राथमिकताएँ तय की और जिस नई सोच के साथ काम शुरू किया उसमें सबसे पहले हमने आदिवासियों, पिछड़े क्षेत्रों और पिछड़े वर्गों की चिंता की और उनके हित में कई फैसले किए। श्री नाथ ने कहा कि प्रदेश में आदिवासी विकास के सर्वांगीण विकास और उनके हित में काम करने के लिये हम संकल्पित है।

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