पूरे देश में गैर-बीजेपी दलों को साथ लाकर 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस अब दिल्ली में भी एकजुट होने के लिए तैयार नजर आ रही है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर कहा है कि अगर पार्टी हाईकमान ऐसा कोई फैसला करता है तो वह इसे स्वीकार करेंगे.
शीला दीक्षित का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अब तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालने वाले अजय माकन आप से गठबंधन के सवालों और संभावनाओं को सिरे से खारिज करते रहे हैं.
हालांकि, बीते दिनों दिल्ली में आयोजित किसान रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल एक ही मंच पर नजर आए थे. राहुल और केजरीवाल के अलावा दूसरे गैर-बीजेपी दलों के नेता भी यहां मौजूद रहे थे. हालांकि, इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुलाए एक विरोध प्रदर्शन के दौरान अरविंद केजरीवाल के मंच पर रहने तक राहुल गांधी वहां नहीं पहुंचे थे, जिससे आम आदमी पार्टी में विरोधी स्वर सुनाई दिए थे.
अब जबकि कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत से जोश में है और राहुल गांधी हर सार्वजनिक मंच से 2019 में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता को निश्चित बता रहे हैं, ऐसे में राहुल की करीबी और वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित का यह बयान दिल्ली के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है.
बता दें कि आम आदमी पार्टी की राजनीति का आगाज कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर प्रहार से ही शुरू हुआ था. दिल्ली की राजनीति के लिहाज से दोनों पार्टियां धुर-विरोधी मानी जाती हैं. लोकसभा सीट की बात की जाए तो यहां कुल सात सीटें हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. जबकि उससे पहले विधानसभा चुनाव में एकतरफा नतीजे पाने वाली आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन वह कांग्रेस से काफी आगे रही थी.