संसद में फाइनेंस बिल पारित होने के साथ ही वित्त वर्ष 2017-18 की बजट प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस बिल के पारित होते ही बजट 2017 में किए गए टैक्स संबंधित सभी प्रवधान अब कानून बन गए है. वित्त विधेयक के पारित होने के साथ ही लोकसभा ने आम बजट 2017-18 से जुड़े सभी कामों का निपटारा कर दिया है. बजट में प्रस्तावित टैक्स से जुड़े प्रावधान अब 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे. जानें, अगले महीने की शुरुआत से ही लागू होंगे कौन से जरूरी प्रावधान..
1. सालाना 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों को 10 पर्सेंट की बजाय 5 पर्सेंट ही टैक्स देना होगा. इससे टैक्सपेयर्स को 12,500 रुपये तक की बचत होगी. दूसरी तरफ 1 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले लोगों को इस स्लैब में सरचार्ज और सेस समेत कुल 14,806 रुपये तक की बचत होगी.
2. सालाना 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए टैक्स रिबेट को घटाकर 5,000 से 2,500 रुपये कर दिया गया है. पहले यह छूट 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों के लिए थी. टैक्स रेट और रिबेट में बदलाव के चलते अब 3.5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वाले व्यक्ति 5,150 रुपये की बजाय 2,575 रुपये ही टैक्स के तौर पर देने होंगे.
3. अचल संपत्ति पर टैक्स के लिए केन्द्र सरकार जहां पहले 3 साल पुरानी संपत्ति को लॉन्ग टर्म मानती थी अब महज 2 साल पुरानी संपत्ति टैक्स के दायरे में आ जाएगी. इस बदलाव से अब आपकी 2 साल पुरानी संपत्ति को बेचने पर 20 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा वहीं बेचने के बाद उसे फिर से निवेश करने की स्थिति में वह छूट का हकदार होगा.
4. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स में हुए बदलाव का फायदा मिलेगा. सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में टैक्स आंकलन करने के लिए महंगाई और कैपिटल की गणना का वर्ष 1 अप्रैल,1981 की कीमतों से बढ़ाकर 1 अप्रैल,2001 कर दिया है. इस बदलाव से अब संपत्ति बेचने में मुनाफा कम हो जाएगा. वहीं किसी संपत्ति को बेचने में हुए कैपिटल गेन्स को यदि सरकार द्वारा सूचित बॉन्ड में निवेश किया जाता है तो वह टैक्स छूट का हकदार होगा.
5. जिन लोगों की वार्षिक आय 5 लाख रुपये (गैर-कारोबारी इनकम) तक है उनके लिए 1 पेज का टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किया जाएगा. इस कैटेगरी में पहली बार टैक्स रिटर्न भरने वालों के फॉर्म की स्क्रूटनी नहीं की जाएगी.
6. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए टैक्स रिटर्न भरने में देरी होने की स्थिति में 5,000 रुपये की पेनाल्टी लगेगी यदि रिटर्न 31 दिसंबर 2018 तक दाखिल कर दिया गया है. वहीं 31 दिसंबर के बाद दाखिल रिटर्न पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. वहीं छोटे टैक्स पेयर्स (5 लाख रुपये तक इनकम) के लिए यह पेनाल्टी 1,000 रुपये की होगी.
7. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम में निवेश पर 2017-18 से टैक्स राहत नहीं मिलेगी. हालांकि जिन लोगों ने 1 अप्रैल 2017 से पहले ऐसे निवेश पर छूट क्लेम कर लिया है तो उन्हें अगले 2 साल तक छूट का लाभ दिया जाएगा.