इंटरनेट की अंधेरी दुनिया डार्क नेट पर 6 हजार से ज्यादा भारतीय बिजनेसेज का डेटा बिक रहा है. हैकर्स इस सीक्रेट डेटा के लिए 15 बिटक्वॉइन की फिरौती मांग रहे हैं. सिक्राइट साइबर इंटेलिजेंस लैब्स ने अपने पार्टनर seQtree इन्फोसर्विसेज के साथ मिलकर डार्कनेट पर एक विज्ञापन को ट्रैक कर इस बात का खुलासा किया है.
सिक्राइट साइबर इंटेलिजेंस लैब्स का कहना है कि डार्क नेट पर सरकारी और प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन से संबंधित 6 हजार से ज्यादा भारतीयों का डेटा बिक रहा है. हैकर्स दावा कर रहे हैं कि फिरौती देने वाले व्यक्ति को वो इन बिजनेसमैन, सरकारी और प्राइवेट संस्थानों के सीक्रेट डेटा का एक्सेस मुहैया करा देंगे.
सिक्राइट ने भारत सरकार से साधा संपर्क
बताया जा रहा है कि प्रभावित संस्थानों में भारतीय नेशनल इंटरनेट रजिस्ट्री भी शामिल है, जो कि इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया के अंदर आती है. सिक्राइट साइबर इंटेलिजेंस लैब्स ने इस संबंध में भारतीय अथॉरिटी और एशिया पेसिफिक नेटवर्क इन्फोर्मेशन सेंटर से संपर्क कर अलर्ट जारी करने की सिफारिश की है.
सिक्राइट ने प्रभावित संस्थानों से जल्द से जल्द अपने पासवर्ड चेंज करने के लिए कहा है. साथ ही सर्वर और सिस्टम को अपडेट करने का भी सुझाव दिया है. सिक्राइट साइबर इंटेलिजेंस लैब्स का कहना है कि हैकर्स ने इस डेटा की कीमत 15 बिटक्वॉइन रखी है.
क्या है डार्क नेट
डार्क नेट इंटरनेट की अंधेरी दुनिया है. यहां तक यूजर्स क्रोम या मोज़िला के ज़रिये नहीं पहुंच सकते हैं. डार्क वेब तक स्पेशल एक्सेस के ज़रिए ही पहुंचा जा सकता.