इन पापों को भगवान शि‍व नहीं करते माफ, देते हैं कठोर दंड

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शिव को भोलेनाथ कहते हैं. क्योंकि शिव सादगी पसंद ईश्वर हैं. उन्हें कच्चा फल पसंद है. एक लोटा पानी से भी शिव खुश हो जाते हैं. खासतौर से अगर आप अपनी जिंदगी से निराश या हताश हैं तो आपको शिव की पूजा जरूर करनी चाहिए.

पर भोलेनाथ जितनी जल्दी खुश होते हैं, उतनी ही जल्दी नाराज भी होते हैं. खासतौर से ऐसे लोगों से, जो बेईमानी और धोखेबाजी करते हैं.

आपने सुना होगा कि ऊपरवाले से कुछ छुपा नहीं होता. यहां तक कि आप अपने दिमाग में जो सोच रहे होते हैं, वह भी भगवान से छुपा नहीं है. इसलिए भले ही बात और व्यवहार में आपने किसी को नुकसान ना पहुंचाया हो, लेकिन अगर मन में किसी के प्रति कोई दुर्भावना है या आपने किसी का अहित सोचा हो, तो यह भी पाप की श्रेणी में आता है.

1.शादी तोड़ने की काशिश
भगवान शिव को ऐसे लोग बिल्कुल पसंद नहीं हैं, जो अपने रिश्ते में ईमानदारी नहीं रखते. खासतौर से किसी दूसरे की शादीशुदा जिंदगी को तोड़ने की कोशिश करने से भोलेनाथ नाराज होते हैं और इस पाप को माफ नहीं करते. दूसरे के पति या पत्नी पर बुरी नजर रखना या उसे पाने की इच्छा करना भी पाप की श्रेणी में आता है.

2. पैसों की धोखेबाजी
दूसरों का धन अपना बनाने की चाह रखना, पैसों की हेराफेरी करना और धन-संपत्त‍ि लूटना भी पाप की श्रेणी में आता है. भगवान शिव के लिए यह अक्षम्य अपराध है.

3. कष्ट देना
किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट देना, उसे नुकसान पहुंचाना या उसके लिए बाधाएं पैदा करने की योजना बनाना या ऐसी सोच रखना भगवान शिव की नजरों में हर हाल में माफी ना देने योग्य पाप है.

4. गलत रास्ता अपनाना
कुछ लोग रास्ता भटक जाते हैं, पर सही निर्देश मिलने पर वापस सही रास्ते पर आ जाते हैं. पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सही सुझाव मिलने के बावजूद बुराई का साथ नहीं छोड़ते और बुरी राह को खुद चुनते हैं. ऐसे लोगों के पाप अक्षम्य होते हैं.

5. बुरी सोच
शिव पुराण के अनुसार जिस प्रकार आप किसी का बुरा नहीं करने के बावजूद, उसके लिए बुरी सोच रखने के कारण भी पाप के हकदार और दंड की श्रेणी में आ जाते हैं, उसी प्रकार भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो, लेकिन आपकी बोली अक्षम्य पापों का हकदार भी बना सकती है.

6. गर्भवती महिला को कुवचन
किसी गर्भवती महिला या मासिक के दौरान किसी महिला को कटु वचन कहना या अपनी बातों से उनका दिल दुखाना शिव की नजरों में अक्षम्य अपराध और पाप है.

7. नुकसान पहुंचाने के लिए झूठ बोलना
किसी के सम्मान को हानि पहुंचने की नीयत से झूठ बोलना ‘छल’ की श्रेणी में आता है और अक्षम्य पाप का भागीदार बनाता है.

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