उरी हमला: फूटा देश का गुस्सा, हर तरफ एक आवाज-मोदीजी! बयान नहीं, बदला चाहिए

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जम्मू-कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर के लोगों में गुस्सा फूट पड़ा है और कई राज्यों में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, लोग पाकिस्तान और उसके नेताओं के पुतले फूंक रहे हैं। सीमा पर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। आतंकी हमले के बाद हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर भारत पाकिस्तान को इसका जवाब कब और कैसे देगा? पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में छात्रों और नागरिकों ने आतंकवादी हमले के विरोध में जगह-जगह पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की। भाजपा और कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं ने उड़ी हमले को लेकर प्रदर्शन किया, वहीं युवा कांग्रेस के कार्यकत्र्ताओं ने भी आतंकवादी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जायरीनों ने हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश में मुसलमानों ने पाकिस्तान के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इस बीच जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसके विरोध में आज कामकाज स्थगित रखा।

भारत के पास अब 4 विकल्प

एलओसी पार किए बिना पाकिस्तान की फौजी चौकियों पर हमला
नियंत्रण रेखा के पार मौजूद पाकिस्तान की फौजी चौकियों और बंकरों पर भारी गोलीबारी करना भी एक रणनीतिक उपाय हो सकता है। इसमें दुश्मन के गश्ती दल को निशाना बनाया जाता है। अतीत में इस तरीके को कई बार आजमाया जा चुका है। एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘दूसरी तरफ से जवाबी कार्रवाई होगी लेकिन इससे निपटा जा सकता है।’

सर्जीकल स्ट्राइक
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चल रहे आतंकी शिविरों में घात लगाकर हमला या सर्जीकल स्ट्राइक एक ऐसा विकल्प है जिसके बारे बात की जा रही है लेकिन जानकारों का कहना है कि इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं और मुमकिन है कि हालात हाथ से ही निकल जाए।

ऑप्रेशन पराक्रम
सरकार पाकिस्तान से लगी सीमा पर फौज की तैनाती बढ़ा सकती है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भी साल 2001 में संसद पर आतंकी हमले के बाद ऐसा किया था। नियंत्रण रेखा पर मौजूद फौज और पश्चिमी मोर्चे पर तैनात एयर फोर्स को किसी एमरजैंसी से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर कर दिया गया था। सरकारी सूत्रों का कहना है कि लंबे समय में इस कदम से ज्यादा मदद नहीं मिलने वाली है।

ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल
पाकिस्तान के वे फौजी ठिकाने जो दूर हैं, उन पर हमले के लिए 90 किलोमीटर तक मार करने वाले स्मर्च रॉकेट या फिर 290 किलोमीटर तक मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल काम में आ सकती है। मिराज-2000, जगुआर और सुखोई-30 एम.के.आई. के जरिए सॢजकल एयर स्ट्राइक किए जा सकते हैं। इनमें लेजर टैक्नोलॉजी से निशाना लगाकर ‘स्मार्ट बम’ या क्लस्टर बम टारगेट पर गिराए जा सकते हैं लेकिन इसे सावधानी से अंजाम देना होगा क्योंकि पाकिस्तान की वायु सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह से भारत केंद्रित है।

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