जबलपुर – (ईपत्रकार.कॉम) |कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने आम लोगों की शिकायतों के निराकरण की अहम् व्यवस्थाओं मुख्यमंत्री हैल्पलाइन तथा समाधान ऑनलाइन के प्रति लापरवाही बरतने वाले अफसरों के प्रति तीखे तेवर दिखाते हुए उनसे कहा कि वे तंत्र में अपनी मौजूदगी को अप्रासंगिक बनाने से बचें। जनसमस्याओं के निवारण के प्रति शासन के गंभीर रूख के मद्देनजर इस सिलसिले में बरती जाने वाली लापरवाही सम्बन्धित अधिकारी को महंगी पड़ सकती है।
श्री चौधरी आज यहां समय-सीमा बैठक में बोल रहे थे। समाधान ऑनलाइन में चयनित 300 दिन से अधिक समय से लम्बित विभिन्न विभागों की शिकायतों की बैठक में समीक्षा की गई। श्री चौधरी ने विभाग प्रमुखों से बड़ी संख्या में निराकरण के लिए लम्बित शिकायतों को लेकर सख्ती से जवाब तलब किया। जिन विभागों के अधिकारियों के प्रति कलेक्टर ने नाराजगी जताई उनमें ऊर्जा, पंचायत, चिकित्सा शिक्षा के अलावा पीडब्ल्यूडी, राजस्व, एनव्हीडीए, जल संसाधन तथा स्कूल शिक्षा भी शामिल थे। श्री चौधरी ने निर्देश दिए कि लम्बित शिकायतों का पुनरावलोकन किया जाए तथा उनके निराकरण की दिशा में पहल की जाए। साथ ही खराब परफॉर्मेंस के लिए सम्बन्धित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की जाए। कलेक्टर ने आगाह किया कि आगामी समाधान ऑनलाइन में उपरोक्त विभागों के प्रश्न आने की पूरी संभावना है अतएव एक सप्ताह के भीतर संयुक्त बैठक बुलाकर निराकरण की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
श्री चौधरी ने जनसुनवाई को प्रभावी रूप दिए जाने की जरूरत बताई। उन्होंने एनव्हीडीए के इंजीनियर्स से अपेक्षा की कि वे नहरों से परे रहने की प्रवृत्ति त्यागें और पानी सम्बन्धी किसानों की शिकायतों पर ध्यान देकर उनका सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित करें। विभागों के कामकाज की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि अधिकारियों को अपनी परफॉर्मेंस बेहतर बनाने के लिए तत्काल शुरूआत करनी होगी। खास तौर पर स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस सिलसिले में नसीहत दी गई। कलेक्टर ने बिना सूचना के बैठक से अनुपस्थित रहने को लेकर कार्यपालन यंत्री जल संसाधन हिरण संभाग के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए कमिश्नर को प्रस्ताव भेजे जाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में कलेक्टर श्री चौधरी ने सीएम ऑनलाइन में जिले की परफॉर्मेंस का विश्लेषण करते हुए कहा कि जाति प्रमाण पत्र, भू-अर्जन, धर्मस्व, खाद्य, आदिवासी विकास तथा आंगनबाड़ी से सम्बन्धित व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए अधिकारी फौरन पहल करें। उन्होंने विद्युत वितरण कम्पनी के अधीक्षण यंत्रियों को ट्रांसफार्मर सम्बन्धी समस्याओं का त्वरित निराकरण करने और विद्युत व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने की हिदायत दी। श्री चौधरी द्वारा प्रसूति सहायता के सिलसिले में पूछे गए सवालों के जवाब पेश करने में सिविल सर्जन नाकाम रहे। स्वास्थ्य से सम्बन्धित मसलों के बारे में सम्बन्धित अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना रवैए से नाराज कलेक्टर ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज के सम्बन्धित अधिकारी को नोटिस जारी किए जाने के निर्देश दिए। श्री चौधरी ने श्रम पदाधिकारी को निर्देश दिए कि वे मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए कदम उठाएं।
बैठक के दौरान नहर के अंतिम छोर तक पानी न पहुंचने की शिकायतों के सिलसिले में कलेक्टर ने इस मामले को चीफ इंजीनियर के संज्ञान में लाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि पलेवा के मद्देनजर नहरों का पानी टेल एण्ड तक पहुंचना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने एनव्हीडीए से सम्बन्धित सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों की समीक्षा की जरूरत बताते हुए इस बारे में चीफ इंजीनियर की पहल को जरूरी बताया। बैठक में कलेक्टर ने जिले में बड़े पैमाने पर किए गए वृक्षारोपण कार्य को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराए जाने के मकसद से दस्तावेजीकरण के प्रति गंभीरता बरते जाने की हिदायत दी।
उपायुक्त सहकारिता जी.पी. प्रजापति को कलेक्टर श्री चौधरी ने शासन द्वारा उन्हें सीएम हैल्पलाइन में बेहतरीन निष्पादन के लिए दिया गया प्रशंसा पत्र प्रदान किया। श्री प्रजापति को 179 शिकायतों के निराकरण के सार्थक प्रयास के मद्देनजर यह प्रशंसा पत्र दिया गया है। कलेक्टर ने कहा कि हमें ऐसे अधिकारियों की ही आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि श्री प्रजापति सीएम हैल्पलाइन के संतुष्टिकारक समाधान में अगस्त माह में प्रथम दस शासकीय अधिकारियों में शुमार किए गए थे।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत हर्षिका सिंह, एसडीएम कविता बाटला, डिप्टी कलेक्टर मुनीष सिकरवार तथा सभी विभाग प्रमुख मौजूद थे।