गरीबों को स्मार्टफोन खरीदने को 1000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी

0

डिजिटल भुगतान के प्रोत्साहन पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति ने कर दायरे से बाहर के लोगों तथा छोटे दुकानदारों को स्मार्ट फोन की खरीद पर 1000 रुपये की सब्सिडी देने का सुझाव दिया है। इसके अलावा समिति ने बैंकों से 50000 रुपये से अधिक की निकासी पर नकद लेनदेन कर लगाने की सिफारिश की है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और समिति के संयोजक एऩ चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी। इसमें सभी सरकारी इकाइयों को डिजिटल भुगतान पर मर्चेंट डिस्काउंट (एमडीआर) को खत्म करने या उसे कम करने की सिफारिश की है। इसके अलावा सभी प्रकार के बड़े सौदों में नकदी के प्रयोग की सीमा तय करने का सुझाव दिया है। बैंक द्वारा डेबिट या क्रेडिट कार्ड सेवाएं प्रदान करने के लिए दुकानदार से एमडीआर लिया जाता है।

समिति में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं। समिति ने केंद्र से एमडीआर न लेकर तथा प्रोत्साहन देकर आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है। समिति की अन्य सिफारिशों में सूक्ष्म एटीएम और बायोमीट्रिक सेंसर आदि के लिए कर प्रोत्साहन शामिल है। इसके अलावा समिति ने अपनी सालाना आय के एक निश्चित अनुपात का इस्तेमाल डिजिटल भुगतान में करने पर कर रिफंड का भी सुझाव दिया है।

यह पूछे जाने पर कि उन्हें इन सिफारिशों को आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में शामिल किए जाने को लेकर कितना विश्वास है, नायडू ने कहा कि मुझे इसका पूरा विश्वास है। डिजिटल भुगतान का लाभ बताते हुए नायडू ने कहा कि नकदी को संभालने की लागत काफी ऊंची बैठती है। इनको छापने से लेकर, परिवहन तथा सुरक्षा आदि पर काफी लागत आती है। वहीं डिजिटल करेंसी पर इस तरह की कोई लागत नहीं आती। नायडू ने यह भी कहा कि डिजिटल लेनदेन की मात्रा बढ़ने के साथ लागत भी नीचे आएगी।

रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भारत में प्रति दस लाख लोगों पर कैशेलेस भुगतान केंद्र 1080 हैं। वहीं सिंगापुर में यह आंकड़ा 31096, ब्रिटेन में 30078, ब्राजील में 25241, दक्षिण अफ्रीका में 7267, मेक्सिको में 7189 तथा चीन से 16602 है।

समिति ने कहा है कि दुकानदारों को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने को प्रोत्साहित करने के लिए संभावित करों में राहत दी जानी चाहिए। वहीं डिजिटल लेने करने वाले दुकानदारों पर पिछली तारीख से कोई कर नहीं लगना चाहिए। समिति ने सभी दुकानदारों को आधार पे, बायोमीट्रिक (एफपी और आइरिस) सेंसर के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जानी चाहिए।

समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा है कि सभी भुगतान बैंकों और बैंकिंग कॉरस्पॉन्डेंट को एईपीएस के जरिये अंत: प्रचालनीय (इंटरआपरेबल) किया जाना चाहिए। इसके अलावा 1,54,000 डाकघरों के लिए इंटरऑपरेबल आधार आधारित सूक्ष्म एटीएम के लिए ढांचा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

नायडू ने यह भी सुझाव दिया है कि नकदीरहित लेनदेन को अपनाने वाले लोगों के हितों के संरक्षण को सभी डिजिटल लेनदेन का बीमा होना चाहिए। मुख्यमंत्रियों की समिति ने नकदीरहित लेनदेन से होने वाली बचत से कोष बनाने का सुक्षाव दिया। समिति ने कहा है कि बसों तथा महानगरों की उपनगरीय ट्रेनों में संपर्क रहित भुगतान को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। यूपीआई एप में साझा इंटरऑपरेबल यूपीआई क्यूआर कोड होना चाहिए। समिति ने सुझाव दिया है कि ग्रामीण और शहरी सहकारी बैंकों को तत्काल डिजिटल भुगतान व्यवस्था में शामिल किया जाना चाहिए।

Previous articleरिपब्लिक डे पर चीफ गेस्ट होंगे अबू धाबी के प्रिंस, दिल्ली में मोदी ने किया रिसीव
Next articleगूगल भी मना रहा है गणतंत्र दिवस, डूडल पर दिखा राजपथ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here