गोवा में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने की वजह से वहां जोड़-तोड़ की कोशिशें तेज हो गई हैं। 40 विधानसभा सीटों वाले गोवा में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें जीती है, वहीं बीजेपी 13 सीट जीतकर दूसरे पायदान पर है। दोनों ही पार्टियों के नेता सरकार बनाने की कोशिशों में जुटे हैं। बीजेपी को महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (3), गोवा फारवर्ड पार्टी (3)और निर्दलीयों (3) के समर्थन की दरकार है।
भाजपा ने शनिवार शाम ही दावा कर दिया था कि तीन निर्दलीय उसके साथ हैं। बाकी दलों ने अपने पत्ते नहीं खेले हैं। हालांकि महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, भाजपा की सहयोगी रह चुकी है। खुद पर्रिकर ने भी चुनावी नतीजों के बाद इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी जो तय करती है उससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा। जो पार्टी कहेगी उसे मैं मानूंगा। इसके साथ ही पर्रिकर ने कहा कि भले ही भाजपा को स्पष्ट बहुमत न मिला हो लेकिन प्रदेश में उनकी सरकार बनने की पूरी उम्मीद है। गौरतलब है कि 40 सीटों की गोवा विधानसभा में, सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी तो 21 सीटों का बहुमत हासिल करना होगा।
बीजेपी की सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाशने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राजधानी पणजी में डेरा डाल चुके हैं। पार्टी ने गडकरी को गोवा का पर्यवेक्षक बनाया है। उन्होंने वहां बीजेपी विधायकों के साथ बैठक भी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के समर्थन के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को सीएम के तौर पर प्रॉजेक्ट कर सकती है।
बता दें कि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते अपना दावा जता रही है, तो बीजेपी सबसे ज्यादा वोट शेयर की वजह से अपना दावा कर रही है। बीजेपी दूसरे दलों और निर्दलीयों के सहारे सरकार बनाने की जुगत में है।