ग्वाटेमाला में एक बाल संरक्षण गृह में यौन एवं अन्य दुर्व्यवहार के आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ देर रात को हुए विद्रोह के बाद आग लगने से 22 लड़कियों की मौत हो गयी। संरक्षण गृह में क्षमता से अधिक किशोरों को रखा गया था। आग लगने की घटना में मरने वाली सभी किशोरियों की उम्र 14 से 17 साल के बीच है।
समाचार के मुताबिक, यह आग सैन जोस पिनुला के विरजेन डी ला असनसियन बाल संरक्षण गृह में उस वक्त लगी जब बाल संरक्षण गृह में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और शारीरिक यातनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा था|हालांकि, यहां के कर्मचारियों ने आग बुझाने की कोशिश की लेकिन आग तेजी से फैलती चली गई|
अधिकारियों ने बताया कि कल किसी ने ग्रामीण क्षेत्र में बने सुधार गृह में उस हिस्से में रखे गद्दों में आग लगा दी जहां लड़कियां रहती हैं। आग तेजी से दोनों छात्रावासों में फैल गयी, जिसकी चपेट में आकर कम से कम 22 किशोरियों की मौत हो गयी, जबकि दर्जनों लड़कियां गंभीर रूप से झुलस गयीं।
वर्ष 2006 में निर्मित यह संरक्षण गृह राजधानी ग्वाटेमाला सिटी के पूर्व में 10 किमी दूर एक गांव सैन जोस पिनुला में स्थित है। माना जाता है कि उपद्रव के दौरान किशोरी खंड के कोने वाले हिस्से से आग लगी। यहां क्षमता से दोगुनी संख्या में, करीब 400 बच्चों, किशोरों को रखा गया है।
घटना के बाद बच्चों के परेशान परिजनों ने कागज के टुकड़ों पर अपने बच्चों के नाम लिखकर संरक्षण गृह के कर्मचारियों को दिये, ताकि उन्हें अपने बच्चों के बारे में कोई जानकारी मिल सके। इसके अलावा वह लोग अपने बच्चों का पता लगाने के लिए दो स्थानीय अस्पतालों और मुर्दाघर भी गये।
अधिकारी घटना में मारी गयी किशोरियों की पहचान की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कई शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण जरूरी होगा।