दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को घर दिए जाने की खबरों का गृह मंत्रालय ने खंडन किया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि कुछ खबरों में रोहिंग्याओं को बसाने के लिए घर देने की बात कही जा रही है, जबकि हमने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। रोहिंग्या अभी डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाएगा। पड़ोसी देश चीन में रहने वाले उइगर मुस्लिमों की बात करें तो वहां उन पर भारी जुल्म होता है। उनकी जिंदगी बद से बदतर है।
तालिबान जैसा अत्याचार करता है चीन :
चीन उइगर मुसलमानों पर तालिबानी अत्याचार करता है। चीन के कानून के मुताबिक नहीं चलने पर उइगरों को शिन्जियांग प्रांत के डिटेंशन सेंटर में कई तरह की यातनाएं दी जाती हैं। कुछ महीनों पहले चीन के एक एक्स पुलिस अफसर ने ब्रिटेन के स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में मुस्लिमों पर होने वाले जुल्म पर बात की थी।
मुंह में पाइप डाल बांध देते हैं हाथ-पैर :
इस अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया था कि चीनी डिटेंशन सेंटर में उइगर मुसलमानों के मुंह में पाइप डालकर उनके हाथ-पैर बांध देते हैं। जब वो पानी मांगते हैं तो चीनी सैनिक उनके मुंह में बोतल का ढक्कन ठूंस देते हैं।
आंखों में पट्टी बांध ले जाते हैं डिटेंशन सेंटर :
चीन के एक्स पुलिस अफसर के मुताबिक, उइगरों मुस्लिमों को चीन के सैनिक आंखों में पट्टी बांधकर मालगाड़ी में ठूंस-ठूंसकर डिटेंशन सेंटर्स ले जाते हैं। इन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता है। ज्यादा विरोध करने वालों को एक ही हथकड़ी में बांधा जाता है। कभी-कभी तो इन्हें इतना मारा जाता है कि उनकी जान तक चली जाती है।
नमाज और रोजे पर है पाबंदी :
चीन की सरकार ने 2014 से सरकारी नौकरी करने वाले उइगर मुसलमानों की पांच वक्त की नमाज पर पाबंदी लगा रखी है। इतना ही नहीं, इन्हें दाढ़ी रखने की मनाही है। उइगर महिलाएं बुर्का नहीं पहन सकती हैं। उइगर महिलाएं पर्दा करके पेट्रोल पंप, बैंक और अस्पताल नहीं जा सकतीं। इसके अलावा रोजे रखने पर भी चीन ने पाबंदी लगा रखी है।
तो क्या इसलिए उइगरों पर जुल्म करता है चीन?
चीन के शिन्जियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है। कहा जाता है कि ये चीन से अलग होना चाहते हैं, जबकि चीन किसी भी हाल में अपने इस हिस्से को खुद से अलग नहीं करना चाहता है। ऐसे में जो भी उइगर मुस्लिम चीनी कानून का विरोध करता है, उसे बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता है।
कौन हैं उइगर मुस्लिम?
उइगर मुसलमान अपने आप को चीन का निवासी नहीं मानते। तुर्क मूल के उइगर मुसलमानों की चीन के शिन्जियांग प्रांत में एक करोड़ से ज्यादा आबादी है। उइगर मुसलमान तुर्की भाषा बोलते हैं। वहीं, चीन का मानना है कि उइगर लीडर्स मुस्लिम बहुल शिंजियांग प्रांत में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भी उइगर मुसलमानों को आतंकवादी बनाने के ट्रेनिंग दी जा रही है।