40 वर्षो का राजनितक जीवन एक राजनेता के लिए बहुत महत्व रखता है और उसका महत्व उस समय और बढ़ जाता है जब वर्तमान राजनैतिक दौर में 40 वर्ष का राजनितिक सफर बेदाग ए सेवा से परिपूर्ण रहा हो ओर परहित से सरोबार हो । हिम्मत कोठारी एक ऐसा नाम है जिनका 30 वर्ष का राजनैतिक जीवन छात्र राजनिति से लेकर विधायक ए मंत्रीत्व एवं वर्तमान तक सफलता की सोपान चढ़ता गया है उनके सफलतम बेदाग एवं परोपकारी जीवन का ही परीणाम है कि अराजनैतिक संस्था उनके राजनैतिक जीवन को आर्दश बनाकर मानव सेवा का महाकुंभ आयोजित करती है ।
रत्नपुरी के लिए यह महज एक संयोग ही था कि रतलाम के महाराजा सज्जनसिंह का स्वर्गवास जिस दिन हुआ और उस दिन ही स्वतंत्रा के कुछ माह पूर्व 03 फरवरी 1947 के दिन कोठारी परिवार में हिम्मत का जन्म हुआ ए पिता श्री नेमीचंद जी कोठारी का परिवार व्यावसायीक क्षैत्र से जुड़ा होने के बावजुद भी हिम्मत कोठारी ने स्कूली शिक्षा सम्पन्न होने के बाद उच्च शिक्षा हेतु महाविद्वालय में प्रवेश किया तो परिवार के पारंपरिक व्यवसाय से अलग हटकर वर्ष 1968.69 में छात्र राजनित में प्रवेश किया और रतलाम के साथ साथ विक्रम विश्वविद्यालय को उर्जावान जुझारु कर्मठ छात्रनेता मिला ए छात्र राजनिति के दौरान मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री श्यामाचरण शुक्ला के काल में नगर में मेडिकल कालेज खुलवाने हेतु प्रमुख आंदोलन किया ।
श्री हिम्मत कोठारी ऐसा नाम हो गया कि विभिन्न राजनिति संगठनों के वरिष्ठ नेताओं वाले संयुक्त संर्घष समिति का नेतृत्व किया ए कई वर्षो पूर्व ही श्री कोठारी ने रतलाम का कन्या महाविद्यालयए स्वीमिग पुल एवं ग्रामीण विकास प्राधिकरण की मांग मुजंर करवाई । छात्र जीवन से ही विद्यार्थी मोर्चा से जुड़कर उसे सक्रिय बनाया ए आप विद्यार्थी परिषद के महामंत्री का दायीत्व भी निभाया इनके नेतृत्व में अनेको बार छात्रसंघ के चुनावों में सफलता हासील की ।
छात्रों के लिए संर्घषशील रहना एवं समय समय पर नगर की मूलभूत समस्याओं के लिए आंदोलन करते करते भारतीय जनसंघ की रीती नीति एवं कुरूभाउ ठाकरे के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर राजनिति में प्रवेरू किया और 1972 में जनसंघ के नगर अध्यक्ष बने श्री हिम्मत कोठारी ने श्रमिक क्षैत्र की समस्याओं के लिए भी आन्दोलन किए तथा विभिन्न आद्यौगिक संस्थानो में ट्रेड यूनियनों के अध्यक्ष रहे । राजनैतिक जीवन की शुरुवात के पश्चात सफलता की पहली पायदान चढ़ते हुए अपने नगर पालिका के चुनाव में वरिष्ठ काग्रेसी नेता एवं तत्कालीन न0पा0 अध्यक्ष को पराजित कर पार्षद बने ।
तत्कालिन प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गॉधी द्वारा आपातकाल की घोषणा के बाद आपको मीसा में जेल भेज दिया गया जहॉ इन्दौर जेल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक सर्व श्री कुप्प सी सुर्दशन जी ए श्री कुशाभाउ ठाकरे ए श्री रामनारायण जी शास्त्री एश्री बंसन्त राव प्रधान ए श्री सुन्दर लाल पटवा ए श्री विरेन्द्र कुमार सकलेचाए डा श्री लक्ष्मीनारायण जी पाण्डे ए श्री राजेन्द्र जी धारकरए श्री शरद यादव ए मामा बालेश्वर दयाल के मार्गदर्शन मिला ।
19 माह मिसा में जेल काटने के बाद आपने पहला विधानसभा चुनाव 1977 में लड़ा और चुनाव जीतकर विधायक बने । दूसरी बार पुनः 1980 के विधानसभा चुनाव में विजयी रहे । 1985 में लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर हैट्रिक बनाई 1984 एवं 1986 में आपने धोलावाड़ के द्वितीय चरण तथा सज्जनमिल के लिए आमरण अनशन किया । सन 1987 में भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे तथा भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महा मंत्री रहे । सन 1990 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तब आप प्रचण्ड मतों से विजयी रहे एवं आपको पटवा मंत्रीमण्डल में लोक निमार्ण विभाग का मंत्री बनाया ।
काजल की कोठरी कहे जाले वाले लोक निमार्ण विभा में स्वच्छ एवं बेदाग छवि कायम कर अपने पौने तीन वर्ष के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में करीब एक हजार करोड़ रुपयें के विकास कार्य किए । वर्ष 1998 एवं 2003 का विधानसभा चुनाव पुनः आप विजय रहे ओर श्री बाबुलाल गौर साहब एवं श्री शिवराज सिह चौहन की सरकार में आपने मंत्री के रुप में गृह एवं परिवहन ए वन एवं सहकारीता विभाग का दायित्व कुशलता पुवर्क संभाला ए आपकी पहचान एक कुशल प्रशासक एवं निडर . ईमानदार राजनेता के रुप में पहचाना जाता है । आपके मंत्रीत्व के बेदाग कार्यकाल का यह प्रमाण है कि विपक्षी पार्टी द्वारा भी आपके कार्य की प्रंशसा करती है । वर्ष 2008 में श्री कोठारी को लोकसभा अध्यक्ष माण् श्री सोमनाथ चटर्जी एवं बलराम जाखड़ द्वारा उत्कृष्ट मंत्री के सम्मान से नवाजा गया ।
श्री कोठारी ने आठ चुनाव लड़े जिसमें छः चुनावों में आप विजय रहे ।
आप जब जब विपक्ष में रहे तो रतलाम के विकास के लिए संघर्ष किया और कार्यकर्त्ता के साथ धरना, अनशन, आंदोलन किये। कई बार लाठियां खायी , जेल गए और यहाँ तक की आमरण अनशन तक किया और सरकार को रतलाम में विकास कार्य करने को मजबूर किया । जब तत्कालीन अर्जुनसिंह सरकार ने सज्जन मिल को बंद करने का निर्णय लिया तो कोठारी ने 11 दिन अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन किया और सरकार को अपना निर्णय वापस लेने के लिए मजबूर किया । जब बात रतलाम में पेयजल संकट की आयी तो एक बार फिर 5 दिन का आमरण अनशन कर धोलावाड़ पेयजल योजना का प्रथम चरण स्वीकृत करवाया ।
जब भाजपा की सरकार बनी और कोठारी को मंत्रिमंडल में स्थान मिला तब रतलाम के विकास हेतु कोठारी ने गंभीरता से प्रयास किया । मेडिकल कॉलेज, लेबड़ नयागांव फोरलेन, कनेरी जलाशय योजना, नपकेउज पेयजल योजना, जामड़ पार्क, सज्जन मिल एवम अल्कोहल प्लांट के श्रमिकों को बकाया 13 करोड़ का भुगतान,रतलाम बांसवाड़ा रोड, रतलाम झाबुआ रोड, रतलाम खाचरोद रोड, रतलाम में 15 करोड़ की सड़क निर्माण, सुजलॉन पवन चक्कियां, इंजेरिंग कॉलेज की स्वीकृति, शासकीय चिकित्सालय के कायाकल्प के साथ साथ उसमें ट्रामा सेंटर, नवजात शिशु हेतु पबन, नविन प्रसूति गृह, चउज चमज परीक्षा केंद्र, सज्जन मिल और महू रोड ओवर ब्रिज, अलकापुरी, मुखर्जी नगर, डोंगरे नगर जैसी आवासीय योजना, तरणताल, अमृतसागर, कलिका माता उद्यान , हनुमान ताल जीर्णोद्धार, जैसी अनेक सौगात रतलाम को मिली तथा आद्योगिक विकास हेतु रतलाम को श्रेणी परिवर्तन करवाया जिससे कई उद्योग पुनः प्रारम्भ हुए और कई का विस्तारीकरण हुआ । जब कोठारी के मंत्रितकाल में जहा हॉस्पिटल रोड, शहरसराय, गायत्री टाकीज के सामने काअतिक्रमण हटाया गया वही उनका पुनः विस्थापन भी करवाया गया ताकि कोई बेरोजगार न हो पाए ।
कोठारी के काम करने के अंदाज के बारे में कह सकते हे की बातें कम काम ज्यादा चिकित्सा के क्षैत्र में आपका ऐतिहासीक योगदान रहा है । बाल चिकित्सालय के निमार्ण हेतु भीषण गर्मी में नंगे पैर घुमते हुए एक.एक रुपया नगरवासीयों से एकत्रीत किया जिसका परिणाम है कि आज नगर के बाल चिकित्सालय में हजारों मासूम जिदंगीया नया जीवन दान प्राप्त कर रही है ए राजनिति में रहने के बावजुद आपके हदय में निर्धन वर्ग के लोगों के लिए सकारात्मक एवं रचनात्मक कार्य करने की ललक हमेशा रहती है आपने रतलाम नगर के पाचॅ हजार झुग्गीवासीयों को पक्की छत मुहैया करवाने का जन सहयोग से अभियान चलाया लगातार दस वर्षो तक आपने प्रयास संस्था के माध्यम से स्कुल बेग ए बाल चिकित्सालय में निःशुल्क दवाई वितरण करायी साथ ही 180 हार्ट संबघी आपरेशन कराये । आपने रतलाम को खेल क्षैत्र में अनुठी पहचान दिलायी जिसमें रतलाम नगर के युवाओं की 356 टीमों का किक्रेट का महाकुंभ 10 वर्षो तक आयोजित कराया । राजनिति में ऐसे कम ही उदाहरण मिलते है कि दिपावली पर राजनेता निर्धन बस्तीयों में मिठाई ले जाकर उनके बीच खुशियॉ मानाता हो श्री कोठारी ने ये कार्य कई वर्षो तक किया ।
श्री कोठारी की छवि एक ईमानदार राजनेता की रही जो विभिन्न पदों पर रहते हुए भी बेदाग रहा । वेसे तो विपक्षी दल भी उनकी ईमनानदारी का लोहा मानता है वही एक चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार ने भ्रष्ट्राचार के झुठे आरोप लगायें तो श्री कोठारी ने माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी और बेदाग निकल कर आये । यह अपने आप में अद्वितीय उदाहरण के रुप में याद किया जाता है ।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने जब रतलाम में किए श्री कोठारी के कार्यो को देखा तब उन्होंने कहा कि
हे समय नदी की धार की सब बह जाया करते हे
कुछ ऐसे भी होते है कि इतिहास बनाया करते हे
माननीय श्री हिम्मत जी कोठारी के जन्मदिवस पर 3 फरवरी पर कार्यक्रम
प्रातः 8 बजे अलकापुरी चौराहे पर श्रमिक भाइयों को स्वल्पाहार
09.00 बजे निवास स्थान से डालूमोदी बाजार लिमड़ेश्वर मंदिर पर पूजा एवं कार्यकर्त्ता द्वारा स्वागत
9.30 पूर्णेश्वर मंदिर पूजा अर्चना
10.00 बजे चौमुखीपूल पर श्री अरुण चोरडिया मित्र मंडल द्वारा अभिनन्दन
10.15 पर गणेश देवरी श्री गणेश मंदिर पँर पूजा अर्चना
10.30 सेवाभारती सेवा सदन सुभाष नगर दाल मिल के सामने छात्रावास पर बच्चों के कार्यक्रम एवम बच्चों का भोजन
10.45 पर शहर सराय पर कार्यक्रम
11.00 बजे कालिका माता मंदिर में पूजा एवं श्री विनोद राठौर मित्र मंडल द्वारा निराश्रितों हेतु भोजन
11.30 मोचीपुरा मदरसा पर सन्मान समारोह
12.00 न्यूरोड कमल जैन मित्र मंडल द्वारा स्वागत कार्यक्रम
दोप 12.15 पर कॉलेज रोड पर गोपाल गेहलोद मित्रमण्डल द्वारा कार्यक्रम
12.30 बाल चिकित्सालय में कार्यक्रम
12.30 बजे नरेंद्र विचार मंच द्वारा सैलाना बस स्टैंड मण्डी पर कार्यक्रम
12ः45 सैलाना बस स्टेण्ड चौराहा पर स्वागत
01.0 बजे मुख बधिर स्कूल में कार्यक्रम
01.30 पर स्टेडियम स्टेडियम पर खेल संगठन द्वारा सम्मान समारोह
दोप 02 बजे से 04 बजे तक ग्रामीण क्षेत्र के विवाह समारोह में
शाम 5.30 भारतीय जनता पार्टी द्वारा सम्मान, जिला भाजपा कार्यालय पर
शाम 6.00 बजे गांधी नगर कुमकम मेरीज हाल पर सुनील सारस्वत मित्र मंडल द्वारा कार्यक्रम
शाम 7 बजे हनुमान रूण्डी पर जैन माइनॉरिटी सेल के कार्यक्रम