शासन द्वारा जनसामान्य के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनेक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इन स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अधिकतम जनसामान्य तक पहुंचाया जा सके, इसके लिए हमें अपने कर्तव्य के प्रति गंभीरता और व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। यह बात कलेक्टर श्रीमती भावना वालिम्बे ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कही।
कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद कई बार जानकारी के अभाव में लोग चिकित्सा सेवाओं से वंचित रह जाते हैं। ग्रामीण स्तर तक शासन की स्वास्थ्य सुविधाओं का प्रचार-प्रसार इस तरह किया जाए कि जनसामान्य इलाज के लिए शासकीय चिकित्सालयों की ओर अग्रसर हों। उन्होंने कहा कि शासकीय चिकित्सालयों की सेवाओं को जनसामान्य में अधिक विश्वसनीय रूप में स्थापित करने के लिए चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य अमले को पूरी संवेदनाओं के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि माता और बच्चा स्वस्थ्य रहे, इसके लिए जरूरी है कि गर्भावस्था से ही पूरा ध्यान दिया जाए। गर्भवती महिलाओं का निरंतर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए तथा आवश्यक स्वास्थ्य सलाह एवं दवाईयां भी दी जाएं ताकि प्रसव के पश्चात मॉ तथा शिशु दोनों स्वस्थ्य रहें। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि मॉं और बच्चे को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि आशा कार्यकर्ता, एएनएम और सुपरवाईजर अपना काम पूरी ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य अमले के इंसेंटिव का भी समय पर भुगतान किया जाए।
बैठक में मातृ शिशु दर, परिवान नियोजन, टीकाकरण, मलेरिया, डेंगू, स्वाईन फ्लू, अस्पतालों में सुविधाओं की उपलब्धता आदि की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शशि ठाकुर ने वर्तमान स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं के संबंध में अवगत कराया। बैठक में अनेक चिकित्सक तथा बीएमओ उपस्थित थे।