जरूरत पड़ने पर ईरान कर सकता है परमाणु समझौते को निरस्त: खामेनी

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ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनी ने बुधवार को कहा कि यदि देश के हितों को फायदा नहीं होता और सरकार पर आर्थिक तथा राजनीतिक दबाव बनाया जाता है तो वह विश्व शक्तियों के साथ अपने परमाणु समझौते को निरस्त कर सकता है। खामेनी की वेबसाइट पर कहा गया कि कैबिनेट के साथ बैठक में सर्वोच्च नेता ने कहा, ‘‘स्वाभाविक है, यदि हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि (परमाणु समझौता) हमारे राष्ट्रीय हितों को पूरा नहीं कर रहा है तो हम इसे दरकिनार कर देंगे।’’

उन्होंने कहा कि समझौते से अमेरिका के हटने के बाद मुद्दे के समाधान के लिए हो रहे यूरोपीय प्रयासों के बावजूद ईरान को यूरोप से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। अमेरिकी प्रतिबंध फिर से लगने के कारण ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की सरकार परेशानियों का सामना कर रही है क्योंकि विदेशी कंपनियां तेजी से देश छोड़ रही हैं और बड़े पैमाने पर निवेश आर्किषत करने की रूहानी की उम्मीदें धूमिल हो रही हैं।

रूहानी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी उन्हें घेर रहे हैं तथा संसद ने घोषणा की है कि उनके दो और मंत्रियों पर आगामी दिनों में महाभियोग चलाया जा सकता है। संसद इस महीने श्रम एवं अर्थव्यवस्था मंत्रियों को बर्खास्त कर चुकी है और उद्योग तथा शिक्षा मंत्रियों पर आगामी दिनों में महाभियोग चलाने के प्रस्ताव स्वीकार किए जा चुके हैं। खामेनी ने कहा कि यह राजनीतिक हलचल ईरान के लोकतंत्र की शक्ति का संकेत है।

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