जल संरक्षण को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पानी के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में बेहतर परिणामों के लिये बच्चों को शुरू से ही इस विषय में शिक्षित और जागरूक करने की जरूरत है। इसके लिये उन्होंने जल संरक्षण विषय को पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव दिया। मुख्यमंत्री आज दिल्ली में चौथे जल सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती और केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने मध्यप्रदेश में जल संरक्षण के लिये किये गये कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने तालाबों का संरक्षण और जीर्णोद्धार किया जाये और नये तालाब बनाने का अभियान चलाया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सिंचाई सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार किया गया है। प्रदेश में बीते 11-12 वर्ष में सिंचाई सुविधा 7.5 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 36 लाख हेक्टेयर की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को क्रियान्वित कर सूखे और अकाल का सामना कर रहे बुन्देलखण्ड क्षेत्र का कायाकल्प किया जायेगा। उन्होंने मध्यप्रदेश में नर्मदा लिंक परियोजना के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच नदियों को जोड़ने का काम किया जायेगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना दोनों राज्यों की सहमति से शीघ्र आकार लेगी।

उल्लेखनीय है कि केन्दीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 से भारतीय जल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष जल सप्ताह की थीम ‘ वाटर फॉर आल : स्ट्राइविंग टूगेदर’ है। कृषि, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, ग्रामीण विकास और शहरी विकास, पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता, ऊर्जा आदि मंत्रालय तथा नीति आयोग के सहयोग से आयोजित जल सप्ताह के दौरान विभिन्न संबंधित विषय पर चर्चा की गई। इनमें कृषि और सिंचाई, ऊर्जा उत्पादन, औद्योगिक उत्पादन और माँग प्रबंधन, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति, री-साइकलिंग और जल की गुणवत्ता आदि शामिल है।

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