भारतीय संस्कृति में यज्ञोपवीत यानी की जनेऊ धारण करने का संस्कार भी माना जाता हैं। लेकिन आज के समय में ज्यादातर लोग जनेऊ धारण करने से बचना चाहते हैं और उनके मन में यह भी सवाल उठते हैं, कि जनेऊ धारण करने से आखिर व्यक्ति को क्या लाभ प्राप्त होता हैं। आज हम आपको उसी लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
जनेऊ धारण के लाभ:
- जनेऊ केवल धार्मिक नजरिए से ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं। ये व्यक्ति मल-मूत्र त्याग करते वक्त अपना मुंह बंद रखते हैं।
- इसकी आदत पड़ जाने के बाद लोग बड़ी आसानी से गंदे स्थानों पर पाए जाने वाले जीवाणुओं और कीटाणुओं के प्रकोप से बच जाते हैं।
- जनेऊ को कान के ऊपर कसकर लपेटने का विशेष नियम होता हैं और ऐसा करने से कान के पास से गुजरने वाली उन नसों पर भी दबाव पड़ता हैं जिनका संबंध सीधे आंतों से होता हैं।
- इन नसों पर भी दबाव पड़ने से कबज की शिकायत नहीं होती हैंं वही पेट भी साफ होने से व्यक्ति का शरीर और मन दोनों ही सेहतमंद बने रहते हैं।