अगर आपका बच्चा अन्य बच्चों की तुलना में कम ऐक्टिव है तो इसकी वजह जेनेटिकल है, यानी उसे ये माता-पिता की वजह से विरासत में मिला है। एक नई रिसर्च के मुताबिक, मात-पिता की सेहत का बच्चों के विकास पर गहरा असर पड़ता है।
रिसर्च में पाया गया कि ऐसे 70 फीसदी बच्चे जिनकी माएं मोटी हैं, का कौशल विकास दूसरे सामान्य बच्चों की तुलना में 3 साल तक धीमा होता है. वहीं ऐसे 75 फीसदी बच्चे जिनके पिता मोटे हैं वे तीन साल की उम्र तक सामान्य बच्चों की तुलना में काफी कम सामाजिक हो पाते हैं यानी कि उन्हें लोगों से घुलने-मिलने में अन्य बच्चों की तुलना में परेशानी महसूस होती है।
वहीं जो कपल्स बहुत ज्यादा मोटे होते हैं यानि जिन बच्चों के मां-बाप दोनों ही मोटे होते हैं उन्हें 3 साल की उम्र तक कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यूएस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डवलपमेंट (NICHD) के शोधकर्ता एडविन यींग का कहना है कि रिसर्च के दौरान हमने पाया कि ना सिर्फ माता बल्कि पिता के मोटापे का भी बच्चों के विकास पर बहुत असर पड़ता है.
हालांकि रिसर्च में ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि माता-पिता का मोटापा बच्चों के विकास को किस तरह से धीमा करता है। ये रिसर्च उन सभी माता-पिता के लिए चेतावनी की तरह है जो अपनी लाइफस्टाइल सही नहीं रखते और मोटापे का शिकार हो जाते हैं। खासकर मेट्रो शहरों में ऐसे माता-पिता की संख्या ज्यादा है। तो अपने बच्चों के सही विकास के लिए खुद को फिट रखना बहुत जरूरी है।