ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकतीः मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘शिक्षा के पुनर्जीवन पर अकादमिक नेतृत्व’ सम्मेलन का उद्घाटन किया जिसमें शिक्षा एवं शोध गुणवत्ता, नवोन्मेष, उद्यमिता के आयाम, समावेशी कैम्पस, नैतिक शिक्षा, वित्तपोषण के विविध आयाम आदि के बारे में चर्चा की गई ।

इस सम्मेलन में करीब 350 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा निदेशकों ने हिस्सा लिया। इसका आयोजन यूजीसी, एआईसीटीई, आईसीएसएसआर, आईजीएनसीए, जेएनयू और एसजीटी विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से किया।

इस मौके सम्बोधित करते पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा जगत में निवेश पर ध्यान दे रही है। शिक्षा का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने के लिए RISE यानि Revitalisation of Infrastructure and Systems in Education कार्यक्रम शुरु किया गया है। इसके जरिए वर्ष 2022 तक एक लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते हैं। शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का संतुलित विकास करना है और संतुलित विकास Innovation के बिना संभव नहीं है।

पीएम ने कहा कि हमारे प्राचीन तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में ज्ञान के साथ INNOVATION पर भी ज़ोर दिया जाता था। हमें एक और वास्तविकता को स्वीकार करना होगा कि आज दुनिया में कोई भी देश, समाज या व्यक्ति isolate होकर नहीं रह सकता। हमें ‘ग्लोबल सिटीजन और ग्लोबल विलेज’ के दर्शन पर सोचना ही होगा।

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