पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्षी नैशनल कांफ्रैंस (नैकां) के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी दबाव में सरकार शोपियां हत्याओं के मामले को ठंडे बस्ते में डाल रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार कह रही है कि किसी अधिकारी का नाम नहीं है, जबकि एफ.आई.आर. में साफ शब्दों में एक सैन्याधिकारी को चिन्हित किया गया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के अपने वादे को मुख्यमंत्री पूरा करें। हर किसी के पास शोपियां हत्याओं की एफ.आई.आर. कॉपी है। एफ.आई.आर. कॉपी सोशल मीडिया पर उपलब्ध है और हर कोई जानता है कि इसमें क्या लिखा है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा लिए गए स्टैंड को देखकर वह हैरान हैं।
यहां दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला में नैकां के विधायक अल्ताफ अहमद कालू के घर में उनके ससुर के निधन पर संवेदना जताने के बाद उमर ने पत्रकारों को बताया कि कश्मीर की स्थिति निरंतर रुप से बिगड़ रही है। जनता का सरकार से मोहभंग होता जा रहा है। गत रविवार शोपियां जिला के पहनु इलाके में गोलीबारी घटना के बारे में उमर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मुताबिक मरने वाले आम नागरिक थे, जो क्रॉसफायरिंग की चपेट में आए। सेना का दावा है कि मरने वाले आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्कर थे। मुख्यमंत्री एकीकृत मुख्यालय की प्रमुख हैं, उनके पास पूरी जानकारी होगी। हम चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच कराकर सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया जाए।