दिल्ली हिंसा पर SC का आदेश,13 अप्रैल नहीं शुक्रवार से शुरू करे सुनवाई

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दिल्ली हिंसा और हेट स्पीच के मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट शुक्रवार को करें. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को जारी किया. चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने कहा कि हम दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से शुक्रवार को सुनवाई करने की अपील करते हैं.

दिल्ली हाई कोर्ट से चीफ जस्टिस एसए बोवड़ ने कहा कि हम अनुरोध करेंगे कि आप इन मामलों की सुनवाई करें. हम यह नहीं कह रहे हैं कि सुनवाई को टालना उचित नहीं था, लेकिन इसने समस्याओं को जन्म दिया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में 13 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की थी.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंसाल्वेस और केंद्र सरकार के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को सुना है. इस मामले को सुनकर हमने याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट के पास भेजने का फैसला किया है. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार से होगी. इस याचिका के विषय से जुड़े अन्य सभी मामले की सुनवाई एक साथ की जा सकती है. हाई कोर्ट से अनुरोध है कि इन मामलों को यथाशीघ्र निपटाया जाए.

रिटायर जस्टिस को भेजने का सुझाव
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंसाल्विस ने सुझाव दिया कि हिंसाग्रस्त इलाकों में रिटायर जस्टिस पटनायक को भेजा जा सकता है. इस पर चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने कहा कि हम राजनीतिक नेताओं के बारे में बात कर रहे हैं.

कोर्ट बोली- हम राजनीतिक नेता चाहते हैं
चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने कहा कि हम ऐसे राजनीतिक नेता चाहते हैं, जो उन लोगों से बात कर सकें जिन्हें विरोधी माना जाता है. इस पर गोंसाल्विस ने कहा कि हिंसा पीड़ित राजनीतिक नेता के बारे में कैसे सुझाव दे सकते हैं. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार यह पहले से ही कर रही है.

नेताओं का नाम देने का निर्देश
चीफ जस्टिस एसए बोवड़े ने कहा कि हम मध्यस्थता का आदेश नहीं दे रहे हैं. हम देखना चाहते हैं कि क्या शांति संभव है. क्या पुलिस शांति ला सकती है? सरकार दि हाई कोर्ट को बताएं कि क्या आपके पास ऐसे नेताओं के नाम हैं जो बातचीत में मदद कर सकते हैं. हाई कोर्ट इन विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की संभावना पर गौर कर सकता है.

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