उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के परीक्षण पर अमेरिका की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. अमेरिका ने साफ कहा कि अब बहुत हो चुका उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने होंगे. अमेरिकी राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया है. अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के रक्षा परिषद को उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है. उत्तर कोरिया के छठे परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका का रुख बेहद कड़ा है. खुद राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी उत्तर कोरिया को जवाब देने की बात कह चुके हैं.
हेली ने दिखाए कड़े तेवर
अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि ‘मैं सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहूंगी, बस बहुत हो चुका।’ उन्होंने यह भी कहा कि किम जोंग उन का कदम रक्षात्मक नहीं है. उत्तर कोरिया परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता चाहता है और युद्ध की मांग कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने अपने ट्विटर पर इमरजेंसी बैठक की जानकारी दी. बैठक में उन्होंने कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता है. लेकिन हमारा देश हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठा रह सकता है. इस बैठक में फ्रांस, ब्रिटेन, इटली आदि देशों ने भी उत्तर कोरिया से बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण बदं करने या उसपर प्रतिबंध और कड़े किए जाने की मांग को दोहराया. यह बैठक अमेरिका के साथ जापान, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और साउथ कोरिया ने बुलाई थी. हालांकि इस बैठक में चीन और रुस ने उत्तर कोरिया का साथ दिया. साथ ही एक अलग प्रस्ताव भी रखा. आपको बता दें कि उत्तर कोरिया या साउथ कोरिया में से कोई भी सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है.
प्रतिबंध पर जल्द वोटिंग
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका जल्द उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव ला सकता है. अमेरिका चाह रहा है कि एक सप्ताह के अंदर इस प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में वोटिंग हो जाए. इससे पहले अमेरिका की चेतावनी को अनसुना करते हुए उत्तर कोरिया ने एक बार फिर हाईड्रोजन बम का परीक्षण किया. भूकंप संबंधी जानकारी देने वाली निगरानी संस्थाओं ने उत्तर कोरिया के मुख्य परमाणु स्थल के निकट 6.3 तीव्रता का विस्फोट दर्ज किया. खुद उत्तर कोरिया ने भी इस परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा कि उसने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया, जो पूरी तरह सफल रहा. यह बम उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइलों से भी दागा जा सकता है. वहीं समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इस धमाके की ताकत पिछले या पांचवें परीक्षण से 9.8 गुना ज्यादा थी.
चीन और रूस का अलग-अलग राग
वहीं यूएन में चीन और रूस ने कहा कि सिर्फ प्रतिबंध लगाने से इस मामले का हल नहीं निकल सकेगा, क्योंकि इससे उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के रास्ते बंद हो जाते हैं. चीन ने यह जरूर कहा कि उत्तर कोरिया को अपने परमाणु परीक्षण रोक देना चाहिए और बातचीत के लिए आगे आना चाहिए. वहीं चीन और रूस दोनों ने इस मामले के हल के लिए अलग प्लान रखा. जिसके तहत उत्तर कोरिया को अपने परमाणु परीक्षण रोकने होंगे और अमेरिका और साउथ कोरिया को भी अपने जॉइंट मिलिट्री अभ्यासों को बंद करना होगा. अमेरिका ने हालांकि इस प्लान को नाकार दिया.