नोटबंदी, जीएसटी से दिल्ली की इकॉनमी को हुआ नुकसान : केजरीवाल

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जीएसटी के तहत 28% रेट स्लैब और मंथली रिटर्न पूरी तरह खत्म करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीएसटी की गड़बड़ियों से ट्रेड इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान हो रहा है और इससे बेरोजगारी भी बढ़ रही है। इन्हें दूर नहीं किया गया तो अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी।

मंगलवार को दिल्ली सरकार के साथ जीएसटी मार्केट सपोर्ट कमिटियों की पहली बैठक और इंटरएक्टिव सेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही। केजरीवाल ने कहा कि जीएसटी की ऊंची दरों और रिटर्न भरने में आर रही परेशानियों के चलते आज हर कोई परेशान है। व्यापार घटने से नौकरियां घट रही हैं। उन्होंने कहा ’28 पर्सेंट स्लैब का हर तरफ विरोध हो रहा है। जब हमारी चली तो हमने कई आइटमों पर वैट रेट 12.5 से घटाकर 5% कर दिया। आप जीएसटी रेट 12% तक कर दीजिए, हम 6% हिस्से के साथ भी सरकार चला के दिखा देंगे।’।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक में 1.5 करोड़ टर्नओवर तक तिमाही रिटर्न भरने की छूट दे दी गई, लेकिन अब इस सीमा से ऊपर के व्यापारियों के सामने इनपुट टैक्स क्रेडिट और रिफंड में देरी की समस्या पैदा हो गई है। दिल्ली सरकार काउंसिल में सभी के लिए तिमाही रिटर्न की मांग उठाएगी।

उन्होंने कहा कि रिटर्न भरने में आ रही मुश्किलों के चलते अब तक 1 लाख करोड़ से ज्यादा रकम प्रोसेस में अटक गई है। यह रकम न केंद्र को मिल रही है और न राज्य को। यह आंकड़ा बढ़ रहा है। यह अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक है। जीएसटी की गड़बड़ियों का नतीजा है कि अब तक संशोधन के 95 नोटिफिकेशन आ चुके हैं। आईजीएसटी का कॉन्सेप्ट भी ठीक नहीं है और इसे भी खत्म किया जाना चाहिए। सिसोदिया ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में अब तक सबसे ज्यादा अहम मुद्दे दिल्ली सरकार ने उठाए हैं, क्योंकि देश का डिस्ट्रब्यूशन हब होने के चलते वह ट्रेडर्स के सीधे संपर्क में है।

बैठक को दिल्ली के मुख्य सचिव एम. एम. कुट्टी, वित्त सचिव एस. एन. सहाय और जीएसटी कमिश्नर एच. राजेश प्रसाद ने भी संबोधित किया। अधिकारियों ने ट्रेडर्स को भरोसा दिलाया कि जीएसटी रिटर्न और प्रोसेस में जो भी तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें बैकएंड चैनल से ठीक करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन नीतिगत मामलों में अंतिम फैसला काउंसिल को ही करना है।

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